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Jamshedpur Tata Steel: कोल्ड रोलिंग मिल ने किया 3.8 करोड़ टन स्टील का रिकॉर्ड उत्पादन, जानें क्या किया कमाल

25 साल पहले आज ही के दिन शुरू हुई थी, जमशेदपुर ने रचा इतिहास

by Mujtaba Haider Rizvi
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Jamshedpur : भारत की स्टील इंडस्ट्री में अग्रणी टाटा स्टील ने गुरुवार को अपनी कोल्ड रोलिंग मिल (CRM) कॉम्प्लेक्स की 25 वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। 24 अप्रैल साल 2000 को शुरू की गई यह अत्याधुनिक कोल्ड रोलिंग मिल बीते ढाई दशकों में न केवल कंपनी के तकनीकी कौशल का परिचायक बनी, बल्कि देश में उन्नत स्टील निर्माण की पहचान भी स्थापित की है। टाटा स्टील की इस मिल ने अब तक करीब 3.8 करोड़ टन स्टील का उत्पादन कर कंपनी के वैल्यू-एडेड पोर्टफोलियो को मजबूती दी है।

ऑटोमोबाइल, होम एप्लायंसेज, सौर ऊर्जा और निर्माण क्षेत्रों के लिए यह सुविधा उच्च गुणवत्ता वाली कोल्ड रोल्ड और गैल्वनाइज़्ड स्टील की आपूर्ति कर रही है।सीआरएम कॉम्प्लेक्स के वाइस प्रेसिडेंट – ऑपरेशंस, चैतन्य भानु ने इस मौके पर कहा, “यह सिर्फ एक मिल नहीं, बल्कि नवाचार और गुणवत्ता के प्रति टाटा स्टील की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। आने वाले समय में हम इस विरासत को और सशक्त करने की दिशा में प्रयासरत रहेंगे।”टाटा स्टील का कोल्ड रोलिंग मिल कॉम्प्लेक्स, जमशेदपुर आज सिर्फ एक उत्पादन इकाई नहीं, बल्कि भारतीय स्टील उद्योग की नवाचार यात्रा का जीवंत उदाहरण है। यह फैसिलिटी आने वाले वर्षों में भी गुणवत्ता, तकनीक और आत्मनिर्भरता के नए मानक तय करती रहेगी।

भारत में पहली बार तैयार किए गए प्रमुख उत्पाद

– कोल्ड रोल्ड और गैल्वानील्ड स्किन पैनल्स

– हाई टेंसाइल स्टील

– फ्यूल टैंक-ग्रेड गैल्वानील्ड स्टील

– ज़ीरो-स्पैंगल गैल्वनाइज़्ड स्टील

इन सभी उत्पादों ने न केवल ऑटोमोटिव OEMs की मांग को पूरा किया, बल्कि देश में स्टील इंडस्ट्री के आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से परिपक्व होने का मार्ग भी प्रशस्त किया।

कैसे शुरू हुई कोल्ड रोलिंग मिल

1993 में शुरू हुई योजना के तहत, टाटा स्टील ने 26.5 महीनों में रिकॉर्ड समय में इस फैसिलिटी को चालू किया। शुरुआत में 1.2 मिलियन टन प्रति वर्ष की क्षमता से शुरू होकर अब यह 2.0 एमटीपीए तक पहुंच चुकी है। इस विस्तार से कंपनी ने घरेलू व विदेशी ग्राहकों की बदलती आवश्यकताओं को कुशलतापूर्वक पूरा किया है।

आंकड़ों की नजर में:

– कुल उत्पादन: लगभग 3.8 करोड़ टन

– ऑटोमोटिव ग्राहकों को आपूर्ति: 1.35 करोड़ टन से अधिक

– बाजार हिस्सेदारी (2001 में 20% से बढ़कर 2025 में 50%)

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