घाटशिला : Teenager Dies Rasgulla Stuck Throat : भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर एक भाई ने बहन को हमेशा के लिए अलविदा कर दिया। रविवार को गालूडीह थाना क्षेत्र के महुलिया पंचायत के पाटमहुलिया गांव के 17 वर्षीय अमित सिंह ने अपने घर के पलंग पर लेटकर रसगुल्ला खा रहा था। खाने के दौरान रासगुल्ला अमित के गले में फंस गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
घटना के वक्त अमित के चाचा रोहिणी सिंह के अलावा घर पर कोई नहीं था। गले में रसगुल्ला फंसने से अमित छटपटाने लगा। यह देखकर चाचा ने उसके गले के अंदर हाथ डालकर रसगुल्ला निकालने का प्रयास किया, पर सफल नहीं हो सका। ग्रामीणों के सहयोग से अमित को निरामय नर्सिंग होम लाया गया। जांच के बाद चिकित्सक ने अमित को मृत घोषित कर दिया।
घटना से पूरा परिवार सदमे में है। किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि परिवार का एकमात्र चिराग नहीं रहा। घटना की सूचना पर गालूडीह थाना के एसआई पंकज महतो दल-बल के साथ नर्सिंग होम पहुंचे। परिवार वालों से घटना की जानकारी लेने के बाद शव अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए घाटशिला अनुमंडल अस्पताल भेज दिया। इस संबंध चाचा रोहिणी सिंह ने कहा कि हम भी तीन माह बाद काम से लौटे थे।
सुबह अमित ही गालूडीह स्टेशन से बाइक पर लेकर आया। रास्ते में दुकान से मिठाई लेकर घर आए। अमित पलंग पर लेट कर मोबाइल गेम खेलते-खेलते रसगुला खा रहा था। इसी क्रम में रस्गुल्ला उसके गले में अटक गया होगा। रसगुल्ला अटकने से अमित सिंह छटपटाने लगा तो आनन-फानन में उसके गले से रसगुल्ला निकालने का काफी प्रयास किया गया।
किसी तरह उल्टी भी किया पर आराम नहीं होने पर नर्सिंग होम लेकर गए। घटना से अमित के परिवार समेत गांव में रक्षाबंधन का पर्व गम में बदल गया। मृतक अमित सिंह के पिता सुजीत सिंह पंचायत सचिवालय गया हुआ था। मां उर्मिला सिंह को मौत की सूचना मिलते ही रोते-रोते बदहवास हो गई।
ऐसी कोई घटना होती है, जिसमें किसी बच्चे के गले में कुछ फंस जाए तो उसके पैर को पकड़कर उसे उल्टा करे और पीठ थपथपाएं तो उसके गले में फंसी वस्तु निकल जाएगी।
अगर किसी बड़े व्यक्ति के गले में कुछ फंस जाए तो तत्काल उसकी पीठ की तरफ खड़े होकर उसे पकड़ें और छाती से निचले हिस्से पर जोरसे दबाएं, जिससे सांस की नली में प्रेशर पड़ता है और गले में फंसी वस्तु मुंह से बाहर आ जाती है। इसके अलावा परिजनों को भी काफी सावधानी बरतनी चाहिए।
– डॉ. अजय गुप्ता, गला रोग विशेषज्ञ