हैदराबाद : तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले में शनिवार को एक बड़ा कदम उठाया गया, जब कुल 64 माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। यह सभी माओवादी पूर्व में भाकपा (माओवादी) के सदस्य थे और अब उन्होंने नक्सलवाद का रास्ता छोड़कर परिवारों के साथ शांतिपूर्ण जीवन जीने का संकल्प लिया है।
पुलिस द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, इनमें से कुछ सदस्य छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के सीमावर्ती गांवों के एरिया कमेटी सदस्य (एसीएम) भी शामिल थे। उन्होंने अपनी इच्छा से पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया, जिससे यह साबित होता है कि इन माओवादियों ने नक्सलवाद के रास्ते से मुक्ति पाने का फैसला किया है।
आत्मसमर्पण करने वालों का पुरानी विचारधारा से मोहभंग
भद्राद्री कोठागुडेम जिले के पुलिस अधीक्षक बी रोहित राजू ने जानकारी दी कि पिछले ढाई महीनों में कुल 122 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें से 64 माओवादी शनिवार को पुलिस के पास आए। एसपी ने बताया कि इन आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को यह एहसास हुआ कि प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) पार्टी अब पुरानी विचारधारा का अनुसरण कर रही है और आदिवासी समुदाय का विश्वास खो चुकी है।
आत्मसमर्पण के बाद की अपील
पुलिस ने उन माओवादियों से अपील की है जो आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, कि वे अपने परिवारों के माध्यम से या व्यक्तिगत रूप से अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन या जिला अधिकारियों से संपर्क करें।
शांति की ओर लौटने का सही समय : पुलिस
पुलिस ने आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के साहस की सराहना करते हुए यह संदेश दिया कि नक्सलवाद से मुक्ति की दिशा में यह कदम एक सकारात्मक शुरुआत है। माओवादियों ने अब यह समझ लिया है कि शांति और समृद्धि की ओर बढ़ने का समय आ चुका है। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी अब नए जीवन की शुरुआत करने के लिए तैयार हैं, और पुलिस उनके पुनर्वास में मदद कर रही है।


