नई दिल्ली: लाल सागर (Red Sea) में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें अमेरिकी नेवी के दो पायलटों को गलती से गोली मार दी गई। यह घटना ‘फ्रेंडली फायर’ के रूप में सामने आई है, जिसका मतलब है कि गोलीबारी अमेरिका के ही सैन्य बलों द्वारा की गई थी। दोनों पायलटों को जीवित बरामद कर लिया गया है और एक को मामूली चोटें आईं हैं। हालांकि, इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लाल सागर का क्षेत्र अब और भी खतरनाक हो गया है, खासकर ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा शिपिंग पर लगातार किए जा रहे हमलों के चलते।
क्या हुआ था?
अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने जानकारी दी कि गोलीबारी उस समय हुई जब अमेरिकी वायु सेना के एफ/ए-18 लड़ाकू विमान, विमानवाहक पोत यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन से उड़ान भरकर एक मिशन पर जा रहे थे। यह मिशन हूती विद्रोहियों के खिलाफ हवाई हमले का हिस्सा था। हालांकि, मिशन के बारे में सटीक विवरण साझा नहीं किया गया है। 15 दिसंबर को सेंट्रल कमांड ने पुष्टि की थी कि यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन मध्य-पूर्व क्षेत्र में दाखिल हो चुका था, और उसी के तहत यह घटना हुई।
घटना का कारण और संभावनाएं
सेंट्रल कमांड के अनुसार, गाइडेड मिसाइल क्रूजर यूएसएस गेटीसबर्ग, जो यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है, ने गलती से एफ/ए-18 पर गोली चला दी। यह घटना तब हुई जब युद्धपोतों और विमानों ने पहले कई हूती ड्रोन और विद्रोहियों द्वारा लॉन्च की गई एक एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों को नष्ट कर दिया था। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि गेटीसबर्ग ने एफ/ए-18 को दुश्मन के विमान या मिसाइल के रूप में कैसे पहचाना, खासकर तब जब बैटल ग्रुप के जहाज रडार और रेडियो संचार से जुड़े रहते हैं।
लाल सागर में बढ़ता तनाव
इस घटना ने लाल सागर में बढ़ते तनाव को उजागर किया है। अमेरिका और यूरोपीय सैन्य गठबंधन ने इस क्षेत्र में गश्त तेज कर दी है और हूती विद्रोहियों द्वारा लगातार शिपिंग और नागरिक जहाजों पर हमलों के कारण स्थिति और गंभीर हो गई है। ट्रूमैन के आगमन के बाद से अमेरिका ने हूती विद्रोहियों और उनके मिसाइल हमलों को टारगेट करते हुए हवाई हमलों को और तेज कर दिया है। हालांकि, अमेरिकी युद्धपोत समूह की मौजूदगी ने विद्रोहियों को और भी उत्तेजित कर दिया है, जिससे नए हमले शुरू हो सकते हैं।
आगे की स्थिति
यह घटना अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए एक चेतावनी है, क्योंकि इस क्षेत्र में स्थितियां बहुत जटिल और अस्थिर हो चुकी हैं। हूती विद्रोही शिपिंग को निशाना बना रहे हैं और अमेरिकी सेना को अपनी रणनीतियों में सतर्कता बढ़ानी होगी। इन घटनाओं के बाद, यह जरूरी हो गया है कि अमेरिकी सेना अपने अभियान और अभियानों को और बेहतर तरीके से समन्वित करे ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
अमेरिका के लिए यह न केवल एक सैन्य चुनौती है, बल्कि एक कूटनीतिक चुनौती भी बन गई है, क्योंकि इस घटना से दोनों देशों (अमेरिका और कुवैत) के रिश्तों में तनाव आ सकता है और इसके साथ ही क्षेत्रीय सुरक्षा पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
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