सेंट्रल डेस्क: बीजेपी ने मंगलवार को एक पत्रकार की किताब का हवाला देते हुए, कांग्रेस नेता सोनिया और राहुल गांधी पर हमला किया और उनसे यह मांग की कि वे तब तक सांसद के पद से इस्तीफा दें, जब तक वे कथित इटालियन बिचौलिये ओट्टावियो क्वात्रोच्ची के साथ अपने रिश्तों के बारे में पूरी जानकारी नहीं देते।
बीजेपी ने एक किताब का हवा दिया, जिसमें कथित बोफोर्स घोटाले का पर्दाफाश किया गया है।
किताब में किए गए खुलासे चिंताजनक : गौरव भाटिया
बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि चित्रा सुब्रमणयम की किताब ‘बोफोर्स गेट’ में की गई “बड़ी खुलासे” चिंताजनक हैं और आरोप लगाया कि क्वात्रोच्ची ने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी के करीबी रिश्तों का लाभ उठाकर रक्षा सौदों को अंतिम रूप देने में अहम भूमिका निभाई।
कांग्रेस से नहीं आई कोई प्रतिक्रिया
बीजेपी के आरोपों और प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई मांगों पर कांग्रेस से तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। गौरतलब है कि लंबे समय से यह आरोप लगते रहे हैं कि क्वात्रोच्ची (जो अब नहीं रहे) सोनिया गांधी के साथ अच्छे संबंध रखते थे, जो खुद इटालियन मूल की हैं और उन्होंने इसका फायदा अपने व्यापारिक कार्यों में भारत में उठाया।
1987 में सामने आया था बोफोर्स घोटाला
वह सीबीआई की बोफोर्स गन डील में कथित घूसखोरी की लंबी जांच का हिस्सा रहे, जिसे पहली बार 1987 में स्वीडिश राज्य रेडियो द्वारा उजागर किया गया था। सुब्रमणयम ने इसके बाद इस मामले से संबंधित कई रिपोर्ट्स प्रकाशित कीं। भाटिया ने आरोप लगाया कि राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान रक्षा फाइलें क्वात्रोच्ची के पास भेजी जाती थीं ताकि वह उन्हें अपनी पसंदीदा कंपनियों के पक्ष में बदल सकें।
कांग्रेस से मांगा जवाब
उन्होंने कहा कि वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हैं, को यह बताना चाहिए कि क्या यह राजीव गांधी द्वारा शपथ का उल्लंघन नहीं था। भाटिया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस-नेतृत्व वाले यूपीए शासन में 2005 में सीबीआई द्वारा क्वात्रोच्ची के बैंक खातों को फिर से खोलने का आदेश सोनिया गांधी के दबाव में दिया गया था।
उठाया सवाल- क्या यह देश से विश्वासघात नहीं
इन घटनाओं का हवाला देते हुए उन्होंने पूछा कि क्या यह देश के प्रति विश्वासघात नहीं था और आरोप लगाया कि राफेल रक्षा सौदा भी यूपीए के कार्यकाल में इसलिए पूरा नहीं हो पाया क्योंकि गांधी परिवार को उसमें कमीशन चाहिए था।
“सोनिया गांधी और राहुल गांधी को तब तक अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए जब तक वे अपने परिवार के क्वात्रोच्ची के साथ रिश्तों के बारे में पूरी जानकारी नहीं देते। तब तक, उनके पास सांसद बने रहने का कोई अधिकार नहीं है,” उन्होंने कहा।
भाटिया ने यह सवाल उठाया कि क्या खड़गे देश के साथ खड़े होंगे या भ्रष्ट गांधी परिवार के पक्ष में। उन्होंने यह भी कहा कि लोग सुनिश्चित हैं कि देश में भ्रष्टाचार का कोई स्थान नहीं है और कोई भी कानून और संविधान से ऊपर नहीं है।