Home » फर्जी पासपोर्ट से यूएई भेजने का खेल बेनकाब, चंडीगढ़ का एजेंट गिरफ्तार..

फर्जी पासपोर्ट से यूएई भेजने का खेल बेनकाब, चंडीगढ़ का एजेंट गिरफ्तार..

आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने दो साल से फरार एजेंट को दबोचा, ब्लैकलिस्टेड महिला को भेजा था विदेश...

by Neha Verma
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआई) की थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी पासपोर्ट के जरिए यूएई भेजे जा रहे एक ब्लैकलिस्टेड महिला के मामले का खुलासा किया है। इस घोटाले के मास्टरमाइंड चंडीगढ़ निवासी एजेंट मुकेश सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार आरोपी दो साल से फरार चल रहा था और इस मामले में वांछित था।

यूएई से डिपोर्ट होने के बाद खुला फर्जीवाड़े का राज

यह मामला 6 मई 2023 को उस समय सामने आया, जब यूएई से डिपोर्ट की गई एक महिला को दिल्ली लाया गया। महिला की पहचान पहले शिखा अरोड़ा के रूप में हुई थी, लेकिन जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि उसका असली नाम रितु रानी है और वह हरियाणा के सिरसा की रहने वाली है। जांच में यह भी पता चला कि रितु यूएई में ब्लैकलिस्टेड थी और उसका वीज़ा समाप्त होने के बावजूद वह अवैध रूप से वहां रह रही थी। पकड़े जाने के बाद उसे भारत डिपोर्ट कर दिया गया और उसकी प्रविष्टि पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

नाम बदलकर दोबारा यूएई भेजा गया

डिपोर्ट होने के बाद रितु रानी ने चंडीगढ़ के एजेंट मुकेश सिंह से संपर्क किया और फर्जी दस्तावेजों के जरिए शिखा अरोड़ा के नाम से नया पासपोर्ट बनवाया। मुकेश सिंह ने इसके लिए 3 लाख रुपये लिए और उसे दोबारा यूएई भेज दिया। हालांकि वहां भी पहचान उजागर होने के बाद रितु को दोबारा डिपोर्ट कर दिया गया।

टेक्निकल सर्विलांस से मिली सफलता

आईजीआई एयरपोर्ट थाने की लेडी सब इंस्पेक्टर ज्योति और कांस्टेबल मुकेश की टीम ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद से मुकेश सिंह की लोकेशन ट्रैक की और उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने ग्रेजुएशन के बाद चंडीगढ़ में पासपोर्ट ऑफिस में बतौर कस्टमर एग्जीक्यूटिव तीन से चार साल तक काम किया था। इसके बाद उसने अपना निजी सेंटर खोल लिया और ज्यादा पैसे कमाने के लालच में अन्य एजेंटों के साथ मिलकर फर्जी वीजा और पासपोर्ट तैयार करने का रैकेट शुरू कर दिया।

फर्जी दस्तावेजों का नेटवर्क बना चुनौती

पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है और एजेंट मुकेश सिंह के संपर्क में रहे अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है। जांच एजेंसियों को संदेह है कि इस रैकेट के जरिए और भी कई लोगों को फर्जी पहचान के साथ विदेश भेजा गया हो सकता है।

पुलिस की अपील

दिल्ली पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे वीजा या पासपोर्ट बनवाने के लिए केवल अधिकृत एजेंटों और सरकारी माध्यमों का ही सहारा लें। किसी भी अनधिकृत व्यक्ति के झांसे में न आएं और दस्तावेज सत्यापन जरूर करवाएं।

यह गिरफ्तारी फर्जीवाड़े के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है और आने वाले दिनों में इस नेटवर्क से जुड़े और खुलासे होने की उम्मीद है।

Related Articles