श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक बार फिर अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया गया है। विपक्ष के एक विधायक द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग वाला एक प्रस्ताव पेश किया गया। जिसे लेकर सदन के पहले ही दिन खूब हंगामा हुआ।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद यह विधानसभा का पहला सत्र था, जहां पहले ही दिन खूब हंगामा हुआ। ये हंगामा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के विधायक वहीद पारा द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव के बाद शुरू हुआ। पुलवामा सीट से विधायक पारा ने 4 नवंबर को आर्टिकल 370 हटाए जाने का विरोध करते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने वाला प्रस्ताव पेश किया था।
इस प्रस्ताव को पेश करते हुए पारा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की आवाम की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए ये सदन विशेष दर्जा समाप्त किए जाने का विरोध करता है। पारा द्वारा विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर को दिए प्रस्ताव में कहा गया था कि हांला कि सदन का एजेंडा तय हो चुका है, लेकिन हमारा मानना है कि अध्यक्ष के तौर पर आपका अधिकार प्रस्ताव को शामिल करने की अनुमति देता है, क्यों कि ये व्यापक तौर पर लोगों की भावनाओं को प्रतिबिंबित करता है।
इस प्रस्ताव के बाज बीजेपी के सभी 28 विधायकों ने अपनी सीट पर खड़े होकर विरोध प्रकट किया। जिससे विधानसभा में शोर-शराबा मच गया। बीजेपी के विधायक श्याम लाल शर्मा ने पारा के प्रस्ताव को विधानसभा के नियमों का उल्लंघन बताया। उन्होंने पारा को निलंबित करने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों से अपनी सीट पर जाने को कहा, इसके बाद उन्होंने कहा कि अभी प्रस्ताव उनके पास नहीं आया है और जब आएगा तब वो उसकी जांच करेंगे।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने सदन में कहा कि हमें खबर थी कि एक सदस्य प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है। लेकिन हमने सोचा ऐसा विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव, उपराज्यपाल के अभिभाषण और श्रद्धांजलि के बाद होगा। हम इस पर तुरंत काम कर रहे है। आगे सीएम ने कहा कि हकीकत ये है कि लोगों ने 5 अगस्त 2019 के फैसले पर मुहर नहीं लगाई है। अगर लगाई होती, तो नतीजे अलग होगे। उमर ने कहा कि आज लाए गए इस प्रस्ताव का कोई महत्व नहीं है। सिवाए इसके की ये कैमरे के लिए किया गया था। लेकिन उमर ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में हम आपसे परामर्श कर के एक प्रस्ताव लाएंगे। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और राज्य को विशेष राज्यका दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर सदन में प्रस्ताव पेश करने के लिए पारा पर बेहद गर्व है।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सत्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि चुनाव में हुए भारी मतदान से जनता की लोकतंत्र में आस्था झलकती है। लेकिन राज्य का दर्जा वापस पाने की अकांक्षा अब भी प्रबल है। सिन्हा ने कहा कि ये सामूहिक इच्छा को दिखाता है। इसे हासिल करने के लिए सभी संबंधित पक्षों को एक टीम के रूप में काम करने की आवश्यकता है।