आंध्र प्रदेश : तिरुपति बालाजी के दर्शन करने की इच्छा रखने वाले लाखों भक्तों के लिए तिरुमाला एक पावन स्थल है. रोजाना 40,000 से 100,000 श्रद्धालुओं की भारी भीड़ यहां दर्शन के लिए उमड़ती है. दुर्भाग्यवश, इस भीड़ का फायदा उठाने के लिए धोखेबाजों का एक गिरोह सक्रिय हो गया है, जो फर्जी टिकटों और धोखेधड़ी से श्रद्धालुओं को ठग रहा है.
फर्जी टिकटों का जाल:
फर्जी वेबसाइटें:
इंटरनेट पर टीटीडी (तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम) की आधिकारिक वेबसाइट जैसी दिखने वाली कई फर्जी वेबसाइटें चल रही हैं. इन पर टिकट बुक करने पर आपका पैसा डूब सकता है.
अनधिकृत पीआरओ और टीटीडी कर्मचारी:
कुछ धोखेबाज खुद को टीटीडी कर्मचारी या पीआरओ बताकर संपर्क करते हैं और दर्शन का लालच देकर पैसे वसूलते हैं.
व्हाट्सएप डीपी के रूप में अधिकारियों की तस्वीरें:
धोखेबाज व्हाट्सएप पर उच्च अधिकारियों की तस्वीरें लगाकर लोगों को विश्वास दिलाते हैं कि वे टीटीडी में ऊंचे पद पर हैं और दर्शन टिकट दिलवा सकते हैं. हाल ही में बोया पवन कल्याण नामक एक व्यक्ति को इसी तरह की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
श्रीवारी सेवा स्लॉट की बिक्री: कुछ दलाल खुद को टीटीडी पीआरओ बताकर व्हाट्सएप ग्रुपों में संदेश भेजते हैं और 800 रुपये में मुफ्त श्रीवारी सेवा स्लॉट बेचने का दावा करते हैं.
आंध्र प्रदेश: तिरुपति बालाजी के दर्शन करने की इच्छा रखने वाले लाखों भक्तों के लिए तिरुमाला एक पावन स्थल है. रोजाना 40,000 से 100,000 श्रद्धालुओं की भारी भीड़ यहां दर्शन के लिए उमड़ती है. दुर्भाग्यवश, इस भीड़ का फायदा उठाने के लिए धोखेबाजों का एक गिरोह सक्रिय हो गया है, जो फर्जी टिकटों और धोखाधड़ी से श्रद्धालुओं को ठग रहा है.
फर्जी टिकटों का जाल:
फर्जी वेबसाइटें: इंटरनेट पर टीटीडी (तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम) की आधिकारिक वेबसाइट जैसी दिखने वाली कई फर्जी वेबसाइटें चल रही हैं. इन पर टिकट बुक करने पर आपका पैसा डूब सकता है.
अनधिकृत पीआरओ और टीटीडी कर्मचारी: कुछ धोखेबाज खुद को टीटीडी कर्मचारी या पीआरओ बताकर संपर्क करते हैं और दर्शन का लालच देकर पैसे वसूलते हैं.
व्हाट्सएप डीपी के रूप में अधिकारियों की तस्वीरें: धोखेबाज व्हाट्सएप पर उच्च अधिकारियों की तस्वीरें लगाकर लोगों को विश्वास दिलाते हैं कि वे टीटीडी में ऊंचे पद पर हैं और दर्शन टिकट दिलवा सकते हैं. हाल ही में बोया पवन कल्याण नामक एक व्यक्ति को इसी तरह की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
श्रीवारी सेवा स्लॉट की बिक्री: कुछ दलाल खुद को टीटीडी पीआरओ बताकर व्हाट्सएप ग्रुपों में संदेश भेजते हैं और 800 रुपये में मुफ्त श्रीवारी सेवा स्लॉट बेचने का दावा करते हैं.