हैदराबाद : ‘तिरुपति बालाजी प्रसादम’ मामले में बीते कई दिनों से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इसी मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि YSRCP के नेता जगन मोहन रेड्डी अपनी गलतियों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्षी पार्टी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि ‘जगन मोहन बेशर्मों की तरह अपने अपराध को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं’।
बीते दिनों विजयवाड़ा में मीडिया को संबोधित करते हुए नायडू ने आरोप लगाया कि YSRCP के कार्यकाल में तिरुपति बालाजी के मंदिर में घी खरीदने की प्रक्रिया में कई प्रकार के बदलाव किए गए थे। पहले घी के सप्लायर के पास 3 साल का अनुभव आवश्यक था, जिसे रेड्डी सरकार ने 1 साल कर दिया। सप्लायर कंपनी का टर्नओवर 250 करोड़ होना चाहिए, जिसे 150 करोड़ कर दिया गया।
जगन मोहन ने लैब की रिपोर्ट को भी झूठा ठहराया है और घर पर बैठकर निराधार बयान दे रहे हैं। आगे नायडू ने कहा कि पिछली सरकार में नियुक्तियां जुए की तरह की जाती थीं। गैर-हिंदुओं को नियुक्त किया जाता था, जिनका आस्था से कोई लेना-देना ही नहीं था। गौरतलब है कि इस मामले में TDP के नेता चंद्रबाबू नायडू का बयान आने के बाद जगन मोहन ने पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखा है। इस बाबत नायडू का कहना है कि वे जवाबी हमला करने की कोशिश कर रहे हैं।
आगे सीएम ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए हमने SIT गठित की है, जिसमें पुलिस के उच्च अधिकारियों (IGP) को सही ढंग से जांच करने के लिए चयनित किया गया है। उनका आदेश है कि राज्य के सभी मंदिरों में रॉ मैटेरियल को खरीदने की प्रक्रिया की ऑडिट कराई जाए। जांच के बाद आई रिपोर्ट के अनुसार हम कार्रवाई करेंगे।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपनी प्रतिद्वंद्वी पार्टी पर आरोप लगाया था कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाई जाती है। उनका दावा है कि जगन मोहन रेड्डी की सरकार के कार्यकाल में मंदिर के प्रसाद में घी की जगह जानवरों का वसा ( Animal Fat) मिलाया जाता था।
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