हेल्थ डेस्क: वर्ल्ड हार्ट डे हर साल 29 सितंबर को हृदय संबंधी बीमारियों (सीवीडी) के बारे में जागरूकता बढ़ाने और हृदय संबंधी समस्याओं को रोकने के तरीकों को लोगों तक पहुंच बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। आज कल कार्डियक अरेस्ट के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में सीपीआर (CPR) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो दिल का दौरा पड़ने वक्त पीड़ित व्यक्ति की जान बचा सकता है।
सीपीआर देकर बचाई जा सकती है जान
सीपीआर यानि Cardiopulmomnary resuscitation को हार्ट अटैक होने पर प्राथमिक और जरूरी प्रक्रिया के रूप में जाना जाता है। कोविड महामारी के बाद से ही देखा जा रहा है की दिल के मामले बहुत ज्यादा सामने आ रहे हैं। जिसमें व्यायाम करते वक्त या फिर डीजे में नाचते वक्त या बैठे हुए व्यक्ति को अचानक से कार्डियक अरेस्ट आ जा रहा है। ऐसी स्थिति में दिल का दौरा पड़ने से पीड़ित व्यक्ति को सीपीआर देकर बचाया जा सकता है।
पुराने समय में भी होता था CPR का प्रयोग
साथ ही आपको बता दें कि पुराने समय में भी सीपीआर का प्रयोग किया जाता था। जिसे सावित्री आसन के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी भी लोकोक्ति है कि सावित्री ने अपने पति सत्यवान की छाती पर इस कदर सिर पटका कि दिल की धड़कन दुबारा शुरू हो गई और कहा गया कि सावित्री ने यमराज से अपने मर चुके पति की जान वापस ले आई। ठीक उसी तरह आज सीपीआर हार्ट अटैक आने वाले व्यक्ति को दिया जाता है। जिससे हृदय पर दबाव पड़ने के कारण हृदय फिर से धड़कना शुरू कर देता है।
डेली रूटीन लाइफ में सही बदलाव की आवश्यकता
ज्यादातर मामलों में हृदय रोग का प्रमुख कारण तनाव ही होता है वहीं डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी समस्याएं भी हृदय रोगों को जन्म देती है। इसके लिए अपने डेली रूटीन लाइफ में सही बदलाव आवश्यक है, वहीं चाहे युवा हो या बुजुर्गे एक हेल्दी लाइफस्टाइल को अपने जीवन में जगह दें। ताकि गंभीर बीमारियों की चपेट में आने से आप बच पाएं।
क्या है थीम
इस वर्ष 2024 में वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन की ओर से कहा गया है कि “कार्रवाई के लिए हदय का उपयोग करें” थीम के तहत अभियान चलाया जाएगा। अभियान का उद्देश्य हर व्यक्ति को अपने दिल की देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित करना। पूरी दुनिया में हार्ट अटैक के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।