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गाजियाबाद में दर्दनाक वारदात: कैंसर पीड़ित कुलदीप त्यागी ने पत्नी की हत्या कर खुद की भी ली जान, सुसाइड नोट से खुला राज

by Neha Verma
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गाजियाबाद, 16 अप्रैल — गाजियाबाद के नंदग्राम थाना क्षेत्र स्थित राधा कुंज-2 कॉलोनी में बुधवार को एक बेहद दुखद और सनसनीखेज घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। राधा कुंज-2 कॉलोनी में रहने वाले कुलदीप त्यागी (मूल निवासी: बिजौली गांव, मेरठ) ने पहले अपनी पत्नी निशु त्यागी की गोली मारकर हत्या कर दी और इसके बाद खुद को भी गोली मार ली। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

घटना का विवरण

पुलिस को मौके से एक आधे पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें इस हत्याकांड और आत्महत्या की वजह स्पष्ट की गई है। सुसाइड नोट में कुलदीप त्यागी ने लिखा है कि वह लंबे समय से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा था, जिसकी जानकारी उसने अपने परिवार को नहीं दी थी। उसने लिखा कि वह नहीं चाहता था कि उसके इलाज में भारी भरकम खर्च आए और उसके परिवार पर आर्थिक बोझ पड़े। मानसिक तनाव और शारीरिक पीड़ा के चलते उसने यह कठोर कदम उठाने का फैसला किया।

सुसाइड नोट में यह भी उल्लेख है कि कुलदीप और उसकी पत्नी निशु ने जीवन भर साथ रहने की कसमें खाई थीं। शायद इसी वादे को निभाने के लिए कुलदीप ने पहले पत्नी की हत्या की और फिर खुदकुशी कर ली।

घर में मौजूद थे बुजुर्ग पिता और बच्चे

घटना के वक्त घर में मृतक दंपति के दो बच्चे और कुलदीप के बुजुर्ग पिता भी मौजूद थे। इस त्रासदी के बाद परिवार में मातम का माहौल है। मृतक कुलदीप रियल एस्टेट का कारोबार करता था और आसपास के इलाके में उसकी पहचान एक शांत और सौम्य व्यक्ति के रूप में थी।

पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। मामले की जांच कर रही एसीपी नंदग्राम श्रीमती पूनम मिश्रा ने मीडिया को बताया कि, “प्रथम दृष्टया यह मामला मर्डर के बाद सुसाइड का प्रतीत होता है। सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है।”

समाज के लिए संदेश

यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है। मानसिक और भावनात्मक संघर्षों को नजरअंदाज करना किस कदर जानलेवा हो सकता है, इसका यह जीता-जागता उदाहरण है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाए और सहायता ली जाए, तो इस तरह की घटनाओं को टाला जा सकता है।

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