छपरा: भारतीय रेलवे के ट्रेन टिकट एग्जामिनर (टीटीई) ने एक बार फिर इंसानियत की मिसाल पेश की है। चलती ट्रेन में अचानक अचेत हुए बुजुर्ग यात्री की जान बचाकर टीटीई राजीव कुमार और मनमोहन कुमार ने यात्रियों के बीच ‘भगवान’ का दर्जा पा लिया। उनकी सुझबूझ और सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) देने की कला ने 70 वर्षीय बुजुर्ग की जान बचाई।
क्या था पूरा मामला?
घटना आम्रपाली एक्सप्रेस (15708) की है, जो अमृतसर से हाजीपुर की ओर जा रही थी। जनरल कोच में यात्रा कर रहे एक बुजुर्ग दंपत्ति में अचानक 70 वर्षीय व्यक्ति की तबियत बिगड़ गई। देखते ही देखते वह अचेत हो गए। उनकी पत्नी ने कोच में मदद के लिए जोर-जोर से गुहार लगाई। उनकी आवाज सुनकर टीटीई राजीव कुमार और मनमोहन कुमार तुरंत मौके पर पहुंचे।
सीपीआर और माउथ-टू-माउथ से बचाई जान
टीटीई ने बिना देरी किए बुजुर्ग को सीपीआर देना शुरू किया। उन्होंने माउथ-टू-माउथ ऑक्सीजन सपोर्ट भी दिया। लगभग 5 मिनट की कड़ी मेहनत के बाद बुजुर्ग की हालत में सुधार होने लगा। धीरे-धीरे उन्होंने आंखें खोली और फिर उठकर बैठ गए।
यात्रियों ने कहा- ‘भगवान’ बनकर आए
बुजुर्ग की जान बचाने के बाद कोच में सवार सभी यात्रियों ने टीटीई की जमकर सराहना की। किसी ने उन्हें ‘भगवान का दूत’ कहा, तो किसी ने ‘रियल हीरो’। छपरा स्टेशन पहुंचने पर बुजुर्ग को प्राथमिक उपचार दिया गया और उन्हें सिविल अस्पताल रेफर कर दिया गया।
भारतीय रेलवे के कर्मचारियों का जज्बा काबिले तारीफ
यह घटना न केवल भारतीय रेलवे के कर्मचारियों के समर्पण और मानवीय भावना को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि टीटीई जैसे कर्मचारी यात्रियों की सुरक्षा और मदद के लिए हरदम तैयार रहते हैं।
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