गोरखपुर : महायोगी गुरु श्रीगोरखनाथ शोधपीठ, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) एवं राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में एक एवं दो मार्च को दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा। महायोगी गुरु श्रीगोरखनाथ शोधपीठ में आयोजित होने वाली संगोष्ठी “वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नाथपंथ एवं बौद्ध परंपरा की प्रासंगिकता“ विषय पर केंद्रित होगी।
इस संगोष्ठी के विवरणिका का विमोचन शुक्रवार को डीडीयू की कुलपति प्रो. पूनम टंडन, राजकीय बौद्ध संग्रहालय के उपनिदेशक डॉ. यशवंत सिंह राठौर, महायोगी गुरु श्रीगोरखनाथ शोधपीठ के उप निदेशक डॉ. कुशल नाथ मिश्र तथा काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के प्रो. सुजाता द्वारा किया गया।
कई विषयों पर होगी चर्चा
विवरणिका का विमोचन करते हुए कुलपति ने कहा कि यह संगोष्ठी विश्वविद्यालय के शोध के वातावरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा। इस संगोष्ठी में दोनों ही परंपराओं में आगत समानता, विविधता, उपादेयता, महत्व इत्यादि विषयों पर चर्चा की जाएगी। इस संगोष्ठी के संयोजक डॉ. यशवंत सिंह राठौर एवं डॉ. कुशल नाथ मिश्र है।
शोधपीठ के उपनिदेशक डॉ. कुशल नाथ मिश्र ने बताया कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नाथ पंथ और बौद्ध परंपरा की प्रासंगिकता पर गहनता से विमर्श तथा उनके दार्शनिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयामों की खोज करना है। इस संगोष्ठी में देश भर के प्रतिष्ठित विद्वान एवं शोधार्थी अपने विचार साझा करेंगे, जिससे इन विषयों की गहरी समझ विकसित होगी।
इस अवसर पर शोधपीठ के सहायक निदेशक एवं इस संगोष्ठी के समन्वयक डॉ. सोनल सिंह, सहायक ग्रंथालयी एवं आयोजन सचिव डॉ. मनोज कुमार द्विवेदी तथा रिसर्च एसोसिएट एवं आयोजन सह-सचिव डॉ. सुनील कुमार, वरिष्ठ शोध अध्येता एवं आयोजन सह-सचिव डॉ. हर्षवर्धन सिंह एवं तकनीकी सहयोगी श्री शिवनाथ उपस्थित रहे।