जमशेदपुर : मरीन ड्राइव स्थित 70 एकड़ में फैले टाटा जू (Tata Zoo) में जानवरों की संख्या में धीरे धीरे इजाफा हो रहा है। यहां नागपुर के बाला साहेब ठाकरे जूलॉजिकल पार्क से दो नए टाइगर आए हैं। टाटा जू में अब इन दो नए टाइगरों को मिला कर इनकी संख्या चार हो गई है। टाटा जू में पहले से ही दो टाइगर मौजूद थे। टाटा जू में जल्द ही एक नया मगरमच्छ लाया जाएगा। इसके लिए चेन्नई के जू से बातचीत चल रही है। यह मगरमच्छ पिछले साल ही आने वाला था। मगर, किसी कारण से योजना कामयाब नहीं हो पाई थी। मगर, इस साल चेन्नई से मगरमच्छ लाया जाएगा।
टाटा जूलोजॉकिल सोसायटी के प्रेसीडेंट चाणक्य चौधरी ने बताया कि कोई भी जू जानवर एक्सचेंज में देता है। नागपुर को ग्रे अफ्रीकन पैरट भेजा गया है। उन्होंने बताया कि कभी कभी अगर किसी जू में जानवरों की संख्या अधिक हो जाती है और वह जानवर उस जू में अतिरिक्त हो जाते हैं तो उन्हें किसी दूसरे जू को दे दिया जाता है।

दो शावक भी बने नए मेहमान
टाटा जू में तीन शेर हैं। यह अफ्रीकन शेर हैं। यहां लेपर्ड्स भी पहले से हैं। कुछ दिन पहले दो शावक भी पैदा हुए हैं। इनमें से एक शावक नर और दूसरा शावक मादा है। अब गर्मी आ गई है। जू में इन शावकों के लिए अगल से इंतजाम किए जा रहे हैं ताकि इन्हें अच्छे से रखा जा सके। जू में गर्मी, सर्दी और बरसात में जानवरों के लिए खास प्रबंध किए जाते हैं।
मेघना व रुद्रा रखा गया नाम
नागपुर से आए टाइगरों का नामकरण भी हो गया है। जू के अधिकारियों ने इसके लिए जमशेदपुर के लोगों के बीच एक प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इस प्रतियोगिता में 351 लोग शामिल हुए। इन लोगों ने तरह-तरह के नाम भेजे हैं। ज्यूरी ने इसमें से मेघना और रुद्रा नाम छांटे हैं। नागपुर से आए इन टाइगरों का नाम रुद्रा और मेघना रखा गया है।
पहले से रह रही हैं सलोनी और सुनैना

बाड़े में पहले से ही टाटा जू की दो बाघिन रह रही थीं। इनका नाम सलोनी और सुनैना है। दो नए मेहमान नागपुर से आने की सूचना के बाद बाड़े के आकार को और बड़ा किया गया है।
बाड़ों में कांच से बनी व्यूइंग गैलरी
नए जानवरों की संख्या बढ़ने की वजह से टाइगर और लॉयन के लिए दो नए बाड़े बनाए गए हैं। इन नए बाड़ों का उद्धाटन सोमवार को टाटा स्टील जूलोजिकल सोसायटी के अध्यक्ष चाणक्य चौधरी ने किया। इन नए बाड़ों को टाटा स्टील यूआइएसएल ने बनाया है। इन बाड़ों में कांच से बनी व्यूइंग गैलरी और ओपन टाइप डिज़ाइन है, जिससे दर्शक बिना बाधा के जानवरों को करीब से देख सकते हैं। मुख्य प्रदर्शनी क्षेत्र में जानवरों को प्राकृतिक माहौल के करीब रखा गया है। मांसाहारी जानवरों के बाड़े के आसपास पेड़ पौधे अधिक होने चाहिए। इसीलिए यह बाड़े ऐसी जगह बनाए गए हैं जहां पेड़ों की भरमार है। ये दोनों बाड़े क्षेत्र में शेरों और बाघों के लिए सबसे अच्छे बाड़ों में से एक माने जा रहे हैं।