उत्तर प्रदेश: यूपी एटीएस (उत्तर प्रदेश एंटी टेररिज्म स्क्वाड) ने पूर्वांचल के तीन जिलों आजमगढ़, मऊ और बलिया में बड़ी कार्रवाई की है। इस ऑपरेशन के दौरान एटीएस ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया और उनके ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (PIO) से जुड़े संदिग्धों का पता लगाना है, जिनका नाम जांच के दौरान सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ संदिग्ध पूर्वांचल के युवकों का पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी के साथ संपर्क था, जिससे जांच एजेंसियों को गंभीर सुराग मिले हैं।
पाकिस्तान से जुड़े संदिग्धों की तलाश
यूपी एटीएस ने सोमवार रात को आजमगढ़, मऊ और बलिया में विभिन्न ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। बलिया जिले में विशेष रूप से सख्त कार्रवाई की गई, जहां एटीएस ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया। इन संदिग्धों के पास से पाकिस्तान से जुड़े ईमेल एड्रेस बरामद हुए हैं, जो जांच को और भी गंभीर मोड़ दे रहे हैं। एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक, यह ईमेल एड्रेस पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादी संगठनों और खुफिया एजेंसियों से जुड़े हो सकते हैं, जिनकी गतिविधियां भारतीय सीमा में संदिग्ध मानी जा रही हैं।
सूत्रों ने यह भी बताया कि इन युवकों के संपर्क में पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी PIO के सदस्य थे, जो देश में अपनी गतिविधियों को फैलाने की कोशिश कर रहे थे। हिरासत में लिए गए तीन संदिग्ध बलिया जिले के निवासी बताए जा रहे हैं। इन युवकों के पास से जो डिजिटल सबूत मिले हैं, उनके आधार पर एटीएस की जांच और तेज हो गई है।
बलिया में छापेमारी, कई संदिग्धों की गिरफ्तारी
बलिया में सुखपुरा थाना समेत अन्य इलाकों में भी छापेमारी की गई। इस दौरान एटीएस को पाकिस्तान से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज और जानकारी मिली, जिससे उनकी जांच और भी गहरी हो गई। बलिया जिले में आधे दर्जन से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इन संदिग्धों से पूछताछ जारी है, ताकि पाकिस्तान से जुड़े अन्य लिंक का पता लगाया जा सके।
ऑपरेशन जारी, एटीएस की निगाहें संदिग्धों पर
यूपी एटीएस ने इस ऑपरेशन को एक बड़े नेटवर्क के रूप में देखा है, जिसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के साथ कनेक्शन रखने वाले युवकों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। एटीएस के अधिकारी लगातार आजमगढ़, मऊ और बलिया के विभिन्न इलाकों में छापेमारी कर रहे हैं और संदिग्धों से पूछताछ कर रहे हैं। एटीएस का कहना है कि यह ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा, जब तक इस मामले में जुड़े सभी संदिग्धों और पाकिस्तानी एजेंसी से संपर्क में रहने वालों की पहचान नहीं हो जाती।
जांच एजेंसी का मानना है कि इन संदिग्धों के पाकिस्तान के साथ संबंध होने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है, इसीलिए इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। वहीं, यूपी एटीएस के अधिकारियों ने कहा कि वह इस ऑपरेशन में किसी भी संदिग्ध को छोड़ने का इरादा नहीं रखते और इस पूरे नेटवर्क को नष्ट करने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं।