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टीचर के वीडियो पर बवाल, कंपनी ने जॉब से निकाला, कहा- नहीं रख सकते निजी राय

by Rakesh Pandey
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सेंट्रल डेस्क : अनएकेडमी द्वारा अपने एक टीचर को नौकरी से निकालने का मामला अब बड़ा होता जा रहा है। करण सांगवान नाम के टीचर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल था, जिसमें वह लोगों से सिर्फ पढ़े-लिखे उम्मीदवारों को वोट करने की अपील कर रहा था। इस बयान पर बवाल होने के बाद अनएकेडमी ने टीचर को जॉब से निकाल दिया था। अब करण खुद का यू-ट्यूब चैनल शुरू कर चुके हैं और 19 अगस्त को विवाद पर विस्तृत जवाब देंगे।

नौकरी से निकाले जाने की यह बताई वजह

करण सांगवान को निकालने के मामले में अनएकेडमी ने सफाई दी है। कंपनी का कहना है कि हमारे यहां क्लास में निजी राय रखना सही नहीं है, इस पूरे विवाद में कई बड़े नेताओं का भी बयान सामने आया है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर क्या कहा

इस मामले पर हैरानी जताते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि क्या पढ़े लिखे लोगों को वोट देने की अपील करना अपराध है? यदि कोई अनपढ़ है, व्यक्तिगत तौर पर मैं उसका सम्मान करता हूं, ये साइंस और टेक्नोलॉजी का जमाना है। 21वीं सदी के आधुनिक भारत का निर्माण अनपढ़ जनप्रतिनिधि कभी नहीं कर सकते।

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कंपनी ने दिया क्या बयान?

अनएकेडमी के सह-संस्थापक रोमन सैनी ने कहा कि करण सांगवान ने अनुबंध का उल्लंघन किया था और इसलिए कंपनी को उनसे अलग होना पड़ा। उन्होंने ट्वीट किया, ”हम एक शिक्षा मंच हैं जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसा करने के लिए हमने अपने सभी शिक्षकों के लिए एक सख्त आचार संहिता लागू की है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे शिक्षार्थियों को निष्पक्ष ज्ञान मिले। वर्तमान स्थिति में हमें करण सांगवान से अलग होने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वह आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे थे।

यह वीडियो Unacademy X (ट्विटर) पर वायरल होने के साथ ट्रेंड करने लगा। कई लोग जहां शिक्षक के समर्थन में लिख रहे हैं, वहीं कई लोगों ने उनकी आलोचना भी की है. वर्तमान में सांगवान को बर्खास्त कर रहे Unacademy के सह-संस्थापक रोमन सैनी ने एक ट्वीट में कहा कि Unacademy एक शिक्षा मंच है जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है।

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