Home » जम्मू-कश्मीर को देश से जोड़ेगा USBRL प्रोजेक्ट, 6 जून को पीएम मोदी करेंगे श्रीनगर-कटरा वंदेभारत ट्रेन का वर्चुअल उद्घाटन

जम्मू-कश्मीर को देश से जोड़ेगा USBRL प्रोजेक्ट, 6 जून को पीएम मोदी करेंगे श्रीनगर-कटरा वंदेभारत ट्रेन का वर्चुअल उद्घाटन

USBRL प्रोजेक्ट में दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल (चिनाब ब्रिज), भारतीय रेलवे का पहला केबल-स्टे ब्रिज और लगभग 13 किमी लंबी T-50 सुरंग जैसी इंजीनियरिंग की अद्भुत मिसालें शामिल हैं।

by Reeta Rai Sagar
WhatsApp Group Join Now
Instagram Follow Now

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जून को श्रीनगर और कटरा के बीच दो विशेष वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनों को वर्चुअल रूप से हरी झंडी दिखाने वाले हैं। यह ऐतिहासिक अवसर भारत के सबसे चुनौतीपूर्ण रेल प्रोजेक्ट — उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लाइन (USBRL) — के पूरा होने का प्रतीक होगा, जिसकी शुरुआत करीब 40 साल पहले हुई थी।

दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल और भारत की सबसे लंबी सुरंग

USBRL प्रोजेक्ट में दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल (चिनाब ब्रिज), भारतीय रेलवे का पहला केबल-स्टे ब्रिज और लगभग 13 किमी लंबी T-50 सुरंग जैसी इंजीनियरिंग की अद्भुत मिसालें शामिल हैं। इस परियोजना की कुल लंबाई 272 किलोमीटर है, जो जम्मू के उधमपुर से कश्मीर के बारामुला तक जाती है।

कटरा-बनिहाल सेक्शन पूरा, अब पूरी तरह जुड़ा कश्मीर

इस रेल मार्ग का आखिरी 111 किलोमीटर लंबा कटरा-बनिहाल सेक्शन जनवरी 2025 में बनकर तैयार हुआ था। अप्रैल 19 को इसका उद्घाटन होना था, लेकिन खराब मौसम और फिर पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इसे टाल दिया गया। अब यह उद्घाटन मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ (9 जून) से ठीक पहले किया जा रहा है।

श्रीनगर और कटरा के बीच दो वंदे भारत ट्रेनें

इस उद्घाटन के साथ श्रीनगर और कटरा के बीच दो हाई-स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की शुरुआत होगी। ये ट्रेनें दोनों दिशाओं में चलेंगी, यानी एक श्रीनगर से कटरा और दूसरी कटरा से श्रीनगर। फिलहाल ये सेवा इन्हीं दो शहरों के बीच सीमित रहेगी।

जम्मू रेलवे यार्ड में निर्माण कार्य जारी होने के कारण अभी जम्मू से सीधे श्रीनगर के लिए वंदे भारत ट्रेन नहीं चलाई जा सकती। अगस्त या सितंबर तक यह कार्य पूरा होने की उम्मीद है। तब तक यात्रियों को कटरा पर ट्रेन बदलनी होगी।

सुरक्षा नहीं, अधूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर वजह बनी

हालांकि शुरू में वंदेभारत ट्रेनों को जम्मू तक न ले जाने का कारण सुरक्षा को बताया गया था, लेकिन रेलवे अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि असल कारण जम्मू स्टेशन पर अधूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर है। इस अस्थायी सीमा पर कश्मीरी नेताओं ने नाराज़गी भी जताई थी और इसे ‘पूर्ण कनेक्टिविटी’ की भावना के खिलाफ बताया।

जम्मू को मिला नया रेलवे डिविजन

इस बीच, जम्मू में भारतीय रेलवे का 70वां डिविजन ‘जम्मू डिविजन’ भी चालू हो गया है, जिसका मुख्यालय जम्मू तवी में होगा। इससे पहले यह इलाका फिरोजपुर डिविजन के तहत आता था। अब नया डिविजन USBRL के मुख्य हिस्सों की देखरेख करेगा और क्षेत्रीय रेलवे संचालन को मजबूती देगा।

₹43,000 करोड़ की लागत, 1983 से लंबित सपना अब होगा साकार

USBRL प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित लागत ₹43,000 करोड़ से अधिक है, जिसमें केवल कटरा-बनिहाल सेक्शन पर ही ₹35,000 करोड़ से ज्यादा खर्च हुए हैं। इस समय जम्मू के संगलदान से कश्मीर के बारामुला तक 184 किमी लंबी लाइन पर लोकल ट्रेनें चल रही हैं, साथ ही उधमपुर से कटरा तक 25 किमी लंबी लाइन पहले से चालू है। अब 63 किमी लंबा कटरा–संगलदान सेक्शन जनता के लिए तैयार है।
इस प्रोजेक्ट की नींव 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रखी थी, लेकिन असली गति 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा इसे ‘राष्ट्रीय परियोजना’ घोषित करने के बाद मिली।

6 जून को श्रीनगर और कटरा के बीच वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत न सिर्फ एक नया ट्रांसपोर्ट विकल्प प्रदान करेगी, बल्कि दशकों से लंबित कश्मीर के कनेक्टिविटी सपने को भी साकार करेगी। यह परियोजना न केवल इंजीनियरिंग का कमाल है, बल्कि राष्ट्र को एकसूत्र में पिरोने का प्रतीक भी।

Related Articles