रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का दो दिवसीय 13वां महाधिवेशन सोमवार से झारखंड की राजधानी रांची के खेलगांव स्थित शहीद हरिवंश टाना भगत इनडोर स्टेडियम में शुरू हो गया है। हेमंत सोरेन सरकार की दोबारा सत्ता में वापसी के बाद हो रहे इस महाधिवेशन को लेकर राजधानी में व्यापक तैयारियां की गई हैं। रांची शहर झामुमो के झंडों, पोस्टरों और होर्डिंग्स से सजा हुआ है। इस बीच दिग्गज नेताओं का जुटान हो रहा है। बता दें कि इस महाधिवेशन में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर भी चर्चा होगी।
4 हजार प्रतिनिधि बनेंगे महाधिवेशन के गवाह
महाधिवेशन में झारखंड सहित देश के आठ राज्यों से लगभग 4000 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस बार महाधिवेशन में कई अहम प्रस्ताव लाए जा रहे हैं, जिनमें वक्फ कानून का विरोध, पार्टी के संविधान में संशोधन, कल्पना सोरेन को संगठन में निर्णायक भूमिका देने और झामुमो को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने जैसे मुद्दे शामिल हैं।
बिहार चुनाव पर भी मंथन
इसके अलावा, आगामी बिहार और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए रणनीति बनाई जाएगी। महाधिवेशन में इस बात पर भी मंथन होगा कि पार्टी आगामी चुनाव अकेले लड़ेगी या महागठबंधन का हिस्सा बनेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता झारखंड के साथ-साथ अन्य राज्यों की राजनीति में प्रभाव बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
कई अन्य मुद्दे भी लाने की तैयारी
महाधिवेशन में 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति, पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण, सरना धर्म कोड की मान्यता और पंचायत-प्रखंड स्तर पर संगठन को मजबूत करने जैसे मुद्दों पर भी प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। झामुमो का यह अधिवेशन पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए एक नए अभियान की शुरुआत करेगा। बता दें कि झामुमो का महाधिवेशन हर तीन वर्ष में होता है। पिछला 12वां महाधिवेशन 18 दिसंबर 2021 को रांची के सोहराई भवन में आयोजित किया गया था। इस बार का अधिवेशन राजनीतिक दृष्टिकोण से झारखंड ही नहीं, बल्कि देश की राजनीति में भी महत्वपूर्ण बदलाव के संकेत दे रहा है।