पलामू : पलामू के ग्रामीणों ने विभागीय उपेक्षा से तंग आकर शुक्रवार को खुद चंदा इकठ्ठा कर मलय नहर की मरम्मत कर डाली। जेसीबी मशीन का उपयोग कर नहर की टूटी हुई दीवारें और जाम पाइपलाइन को दुरुस्त किया गया। ग्रामीणों को उम्मीद है कि मलय डैम से पानी छोड़े जाने पर यह पानी उनके खेतों तक आसानी से पहुंचेगा और उनकी रबी फसल को राहत मिलेगी।

नहर की जर्जर स्थिति बनी बाधा
मलय नहर के पक्कीकरण कार्य में जहां भी निर्माण हुआ है, वहां कचरे और गाद से पाइपलाइन जाम है। कई स्थानों पर नहर की दीवारें टूट चुकी हैं। इस कारण, नहर में पानी छोड़े जाने के बावजूद वह खेतों तक पहुंचने से पहले ही व्यर्थ हो जाता है। ग्रामीणों ने इस समस्या को सिंचाई विभाग के अभियंताओं तक पहुंचाया था, लेकिन विभाग की ओर से अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया।
चंदे से ग्रामीणों ने किया समाधान
नहर की स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों ने अपने स्तर पर चंदा इकट्ठा किया। गांव के लोगों ने मिलकर जेसीबी मशीन लगवाकर नहर की मरम्मत कराई। पाइपलाइन की सफाई भी कराई गई ताकि पानी खेतों तक सही तरीके से पहुंच सके। इस काम में नावाडीह और पोलपोल गांव के ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
रबी फसल के लिए पानी की जरूरत
ग्रामीणों ने बताया कि रबी फसल की बुआई हो चुकी है, और गेहूं की सिंचाई के लिए खेतों में पानी की आवश्यकता होगी। नहर की मरम्मत के बाद उन्हें उम्मीद है कि पानी अब आसानी से खेतों तक पहुंचेगा।
सामूहिक प्रयास की मिसाल
ग्रामीण सुशील सिंह, सुधीर सिंह, जवाहर चंद्रवंशी और शिव नारायण सिंह समेत अन्य लोगों ने इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुशील सिंह ने कहा, “विभागीय सहायता न मिलने के कारण हमें खुद ही यह कदम उठाना पड़ा। अब हम चाहते हैं कि नहर से जुड़े अन्य कार्यों के लिए भी विभाग जल्द सक्रिय हो।”