Chakradharpur (Jharkhand) : पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर प्रखंड अंतर्गत होयोहातु पंचायत के झरझरा गांव में बुधवार को एक महत्वपूर्ण आमसभा हुई। आमसभा का मुख्य उद्देश्य झरझरा और टोयबो हाट के नामकरण को लेकर चल रहे विवाद को सुलझाना था। चितपील पीढ़ के मानकी बागुन सोय की अध्यक्षता में आयोजित इस सभा में ग्रामीणों ने एक स्वर में यह मांग रखी कि झरझरा हाट को झरझरा में ही स्थापित किया जाए।
सांसद की पहल पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी
इस विवाद को सुलझाने की पहल सांसद जोबा माझी ने की, जिसके परिणामस्वरूप आमसभा में जिला उपायुक्त चंदन कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी श्रुति राजलक्ष्मी, प्रखंड विकास पदाधिकारी कांचन मुखर्जी और अंचल अधिकारी सुरेश कुमार सिन्हा जैसे प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हुए।
नामकरण को लेकर ग्रामीणों में भ्रम
ग्रामीणों ने सांसद और अधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि झरझरा के नाम से टोयबो में हाट का संचालन होने से उन्हें भ्रम हो रहा है। इसके चलते सरकारी योजनाओं का लाभ भी टोयबो को मिल रहा है, जबकि हाट का नाम झरझरा है। मानकी बागुन सोय, जगन सिंह हासदा, मुखिया सामाड, अंकित महतो समेत कई ग्रामीणों ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी।
झरझरा में भी बनेगा बाजार शेड
ग्रामीणों की बातों को सुनने के बाद सांसद जोबा माझी ने कहा कि झरझरा हाट में बाजार शेड के निर्माण के बाद जो विवाद उत्पन्न हुआ है, उसे वह सुलझाना चाहती हैं। इसी कारण ग्रामीणों और अधिकारियों के साथ यह बैठक आयोजित की गई है। सांसद ने ग्रामीणों से आपसी विवादों से बचने की अपील करते हुए कहा कि यदि झरझरा के लोग चाहते हैं तो टोयबो की तरह यहां भी बाजार शेड का निर्माण करा दिया जाएगा। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि झरझरा और टोयबो दोनों जगहों पर अलग-अलग दिन हाट लगे और किस दिन कहां हाट लगेगा, यह दोनों पक्ष आपस में बैठकर तय कर लें।
डीसी ने दिया आश्वासन
वहीं, उपायुक्त चंदन कुमार ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि टोयबो की तरह झरझरा में भी उसी आकार का बाजार शेड निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि दो दिनों के भीतर ही जमीन की मापी कर निर्माण प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उपायुक्त ने यह भी उम्मीद जताई कि झरझरा और टोयबो में अलग-अलग दिन हाट लगने से यह विवाद समाप्त हो जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों से आपस में सद्भाव और प्रेम बनाए रखने की अपील की। आमसभा में मुकुंद गागराई, मधुसूदन गागराई, गोंदो गुंदुवा, सुरेन गागराई, पांडेराम सिजुई, शंकर सोय, संजीवन भूमिज, मुकेश बानरा, मुचिया सामड, केरा गुंदुवा, जगमोहन तांती, लखन गागराई, राम मुंडारी, रविंद्र मुंडारी समेत होयोहातु पंचायत के काफी संख्या में मुंडा और अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।