रांची: झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में आरोपी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय चौबे की जमानत याचिका पर शुक्रवार को झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। न्यायाधीश जस्टिस संजय द्विवेदी की अदालत में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को काउंटर एफिडेविट दायर करने का निर्देश दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 1 अगस्त 2025 को निर्धारित की गई है।
ACB की याचिका खारिज, एफआईआर को दी जा रही चुनौती
कोर्ट ने इस सुनवाई के दौरान एसीबी द्वारा दायर हस्तक्षेप याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें एजेंसी ने अपना पहले से दायर शपथपत्र वापस लेने का आग्रह किया था। विनय चौबे की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी (FIR) और गिरफ्तारी अवैध है। उन्होंने कोर्ट से एफआईआर रद्द करने और सभी दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है।
गिरफ्तारी, पूछताछ और निलंबन की पूरी प्रक्रिया
उल्लेखनीय है कि 20 मई 2025 को एसीबी ने झारखंड शराब घोटाले में विनय चौबे को पूछताछ के लिए बुलाया था। कई घंटों की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद से वह न्यायिक हिरासत में हैं। राज्य सरकार ने गंभीर आरोपों के मद्देनजर उन्हें निलंबित कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
यह घोटाला शराब अनुबंध, सप्लाई और बिक्री व्यवस्था में व्यापक अनियमितताओं से जुड़ा है, जिसमें कथित तौर पर कई करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। विनय चौबे का नाम जांच एजेंसियों के रडार पर पहले से था और उनकी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही थी।
फैसले पर टिकी निगाहें
अब सभी की निगाहें 1 अगस्त को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जिसमें यह तय होगा कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय चौबे को राहत मिलती है या नहीं। झारखंड में चल रहे प्रशासनिक घोटालों की कड़ी में यह मामला बेहद अहम माना जा रहा है।
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