राजस्थान : अजमेर स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करने वाले हिंदू सेना के नेता विष्णु गुप्ता को हाल ही में जान से मारने की धमकी मिली है। यह धमकी उन्हें फोन कॉल के माध्यम से दी गई, जिसमें कॉलर ने उन्हें ‘सर कलम कर देने’ की चेतावनी दी। एक और धमकी कॉल में धमकी देने वाले व्यक्ति ने खुद को भारत का निवासी बताया।
क्या था विष्णु गुप्ता का दावा?
विष्णु गुप्ता ने अजमेर शरीफ दरगाह में एक शिव मंदिर होने का दावा करते हुए अदालत में याचिका दाखिल की थी। उनका कहना था कि दरगाह के परिसर में ऐतिहासिक रूप से एक शिव मंदिर था, जिसका अस्तित्व अब खो गया है। इस दावे को लेकर उन्होंने अदालत से मामले की जांच की मांग की थी। गुप्ता की याचिका 27 नवंबर को अदालत द्वारा स्वीकार कर ली गई थी और अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 20 दिसंबर की तारीख निर्धारित की है।
धमकी देने वाले कॉलर्स का दावा
विष्णु गुप्ता को मिली धमकी कॉल में एक शख्स ने खुद को कनाडा का नागरिक बताते हुए कहा कि वह गुप्ता का सिर कलम कर देगा। वहीं, दूसरे कॉल में धमकी देने वाले ने स्वयं को भारत का नागरिक बताते हुए कहा कि गुप्ता ने अजमेर दरगाह का मामला उठाकर गलती की है। यह घटनाक्रम उस वक्त सामने आया है जब गुप्ता की याचिका पर आगामी सुनवाई होनी है।
विष्णु गुप्ता का इतिहास और राजनीति
विष्णु गुप्ता पहले भी कई विवादों में घिर चुके हैं। वे 2011 में हिंदू सेना के संस्थापक के रूप में उभरें और इसके बाद देशभर में इस संगठन की शाखाएं स्थापित कीं। गुप्ता को पहले भी कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में भी चर्चा का केंद्र बने थे। वे अपनी विवादास्पद याचिकाओं और आंदोलनों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। गुप्ता का जन्म 10 अगस्त 1984 को उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हुआ था। वे पहले भी सरकार से हिंदू धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण और बहाली के मुद्दों को उठाते रहे हैं। गुप्ता ने 2022 में भी अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए राजस्थान और केंद्र सरकार से जांच की मांग की थी, जिसे लेकर उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था।
अजमेर दरगाह मामला और अदालत की सुनवाई
इस बीच, अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर के मुद्दे को लेकर अदालत में मामला चल रहा है, जिसमें गुप्ता की याचिका पर सुनवाई 20 दिसंबर को होने वाली है। गुप्ता ने इस मामले को उठाने के बाद से ही कई बार सार्वजनिक मंचों पर अपनी बात रखी है और उन्होंने लगातार यह दावा किया है कि दरगाह के परिसर में मंदिर का अस्तित्व था, जिसे समय के साथ मिटा दिया गया।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद गुप्ता को मिली धमकियों ने राजनीतिक और सामाजिक माहौल में एक नई बहस को जन्म दिया है। फिलहाल, पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है, और मामले में शामिल व्यक्तियों की पहचान के लिए कार्यवाही तेज कर दी गई है।
विष्णु गुप्ता के खिलाफ धमकी भरी कॉल्स और अजमेर दरगाह में शिव मंदिर के अस्तित्व के संबंध में उनके द्वारा किए गए दावे एक बड़े विवाद को जन्म दे रहे हैं। यह मामला न केवल धार्मिक संवेदनाओं से जुड़ा है, बल्कि इससे जुड़े राजनीतिक और सामाजिक आयाम भी हैं। अदालत की आगामी सुनवाई पर सभी की नजरें हैं, क्योंकि यह मामला देश के सबसे संवेदनशील धार्मिक स्थलों से संबंधित है।
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