सेंट्रल डेस्क। इन दिनों GST की दरें लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। सोशल मीडिया से लेकर चौक-चौपाल तक बस इसी की चर्चा है। हर कोई GST की दरों को जटिल बता रहा है, तो कोई इसे आसान भाषा में समझाकर और उलझा रहा है।
21 दिसंबर को राजस्थान के जैसलमेर में GST Council की 55वीं बैठक हुई, जिसमें विभिन्न वस्तुओं पर लगाए जाने वाले जीएसटी के रेट्स में बदलाव किए गए। अब इस मुद्दे पर आम जनता के साथ-साथ बीजेपी के भीतर से ही विरोध के स्वर फूट रहे है। बीजेपी के प्रवक्ता अजय आलोक ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 18% GST वाले फैसले पर विरोध प्रकट किया है। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक्स पर टैग कर इस फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है।
बीजेपी प्रवक्ता ने एक्स पर लिखा कि मैं माननीय श्रीमती निर्मला सीतारमण जी से अनुरोध करना चाहता हूं कि मध्यम वर्गीय आय वालों के लिए –
- हम पूरा टैक्स समय से देते है, देते क्या है काट लिया जाता है।
- हमें किसी सरकारी योजना का कभी लाभ नहीं मिलता है।
- स्वास्थ बीमा पर भी 18 फीसदी की जीएसटी हमारे लिए और बाकी सबके लिए आय़ुष्मान। हम देश को आगे बढ़ाने वाले लोग है, सरकार पर निर्भर नहीं। फैसले पर तुरंत विचार करिए। इस पोस्ट में अजय आलोक ने वित्त मंत्री के साथ-साथ पीएम नरेंद्र मोदी और जीएसटी काउंसिल को भी टैग किया है।
अप्रैल 2022 में अजय आलोक तब चर्चा में आए थे, जब वे बीजेपी में शामिल हुए थे। उससे जनता दल यूनाइटेड ने पार्टी में उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी। इस पर जदयू ने सफाई देते हुए कहा था कि पार्टी में आसान बनाए रखने के लिए ऐसा फैसला लिया गया है।
पॉपकॉर्न पर लगे 18 फीसदी टैक्स की हो रही आलोचना
सबसे अधिक आलोचना पॉपकॉर्न पर लगे 18 फीसदी टैक्स की हो रही है। तरह-तरह के मीम बन रहे है, वित्त मंत्री की पॉपकॉर्न के साथ तस्वीरें साझा हो रही है। बैठक में कहा गया कि नमक-मिर्च के साथ आने वाले नमकीन पॉपकॉर्न पर 5 फीसदी और यदि इसे लेबल के साथ पैक करके बेचा गया, तो 12 फीसदी टैक्स और इसके साथ ही केरेमल पॉपकॉर्न पर 18 फीसदी जीएसटी लगाई जाएगी। इसके अलावा पुरानी गाड़ियों पर लगाए जाने वाले जीएसटी की भी लोग भर्त्सना कर रहे है।

