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कौन हैं Qazi Faez Isa, जिन्हें पाकिस्तान का बनाया गया चीफ जस्टिस

by Rakesh Pandey
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सेंट्रल डेस्क : रविवार 17 सितंबर को 29वें मुख्य न्यायाधीश (Chief जस्टिस) के रूप में काजी फैज ईसा (Qazi Faez Isa) ने पाकिस्तान में शपथ ली। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने इस्लामाबाद के ऐवान-ए-सद्र में एक समारोह में चीफ जस्टिस ईसा को शपथ दिलाई, जिसमें कार्य वाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर, सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, मंत्रीगण और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

13 महीने का होगा कार्यकाल

चीफ जस्टिस का कार्यकाल 13 महीने का होगा, जो 25 अक्टूबर 2024 को खत्म हो जाएगा। आपको बता दें कि 29वें मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा ने उमर अता बंदियाल जगह ली है। वर्तमान में पाकिस्तान संवैधानिक और कानूनी चुनौतियों से लड़ रहा है ऐसे में पाकिस्तान के नए चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा क्या नए सुधार लेंगे इस पर सब की निगाहें टिकी हैं।

कौन हैं काजी फैज ईसा (Qazi Faez Isa)

काजी फैज ईसा का जन्म 26 अक्टूबर 1959 को पाकिस्तान के क्वेटा शहर में हुआ था। खास बात यह है की उनके पिता काजी मोहम्मद ईसा ने पाकिस्तान की स्थापना के लिए हुए आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाई थी। बताया जाता है की काजी मोहम्मद ईसा मोहम्मद अली जिन्ना के करीबी हुआ करते थे। चीफ जस्टिस की प्रारंभिक शिक्षा क्वेटा फिर कराची में पूरी हुई। उन्होंने कानून की पढ़ाई लंदन से की, जहां उन्होंने बार प्रोफेशनल लॉ की पढ़ाई पूरी की।

काजी फैज ईसा का करियर :

सन 1985 में बलूचिस्तान हाईकोर्ट में बतौर वकील अपना करियर शुरू किया। 1998 में काजी फैज सुप्रीम कोर्ट के वकील बन गए। कानूनी गलियारे में उनकी प्रेक्टिस बलूचिस्तान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 27 सालों की है।

बलूचिस्तान हाईकोर्ट में सालों वकील रहने के बाद 2009 में उन्हें जज बनाया गया। कुल मिलाकर वे 2009 से 2014 तक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे। जस्टिस ईसा हाल ही में शाहबाज शरीफ के दौर में बनाए गए सुप्रीम कोर्ट प्रैक्टिस एंड प्रोसीजर एक्ट के लागू न होने के खिलाफ अपना विरोध करते दिखे, जिससे उन्होंने बहुत सुर्खियां बटोरी। उन्होंने पिछले पांच महीनों से किसी भी मामले की सुनवाई से बचाव किया है और इसके बजाय अपने कक्ष में काम करने का चयन किया है।

29वें चीफ जस्टिस के सामने कई चुनौतियां:

वर्तमान में, पाकिस्तान संवैधानिक, कानूनी और राजनीतिक समस्याओं का सामना कर रहा है। चुनौतियों के बीच, 90 दिन के भीतर चीफ जस्टिस ईसा को पाकिस्तान में आम चुनाव आयोजित करने का काम दिया गया है। यह चुनाव संसद को 9 अगस्त को बंद कर दिया गया था।

पूर्व मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल पर पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान के खिलाफ नरम स्थिति अपनाने के आरोप लगाए गए हैं। इस परिस्थिति में, चीफ जस्टिस ईसा को अदालतों पर भरोसा और न्याय की स्वरूपता को बनाए रखने का महत्वपूर्ण दायित्व होगा। सुप्रीम कोर्ट एमंकोर्ट में कई कैसे पेंडिंग है रिपोर्ट्स की माने तो 56 पेंडिंग केस है।

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पत्नी से जुड़ा विवाद

नए चीफ जस्टिस के शपथ समारोह में काजी फैज ईसा की नियुक्ति की घोषणा के समय, उनकी पत्नी सरीना ईसा भी मौजूद थी। आमतौर पर ऐसे समारोहों में परिवार के सदस्यों को आगे की पंक्ति में बैठाया जाता है, लेकिन इस बार उनकी पत्नी की सामरिकता को विशेष ध्यान मिला क्योंकि उन्हें 2019 में टैक्स अधिकारियों की जांच का सामना करना पड़ा था।

इस दौरान टेलीविजन पर दिखाए गए फुटेज में वह छड़ी की मदद से चलती हुई दिखाई दी थीं। आपको बता दें की टैक्स अधिकारी ने उन पर आरोप लगाया था की उनके पति ने लंदन में संपत्ति खरीदी है जिनकी मालकिन उन्हें बताया गया। हालांकि, कुछ समय के बाद कानूनी बिरादरी ने उनके खिलाफ की आलोचना के बाद उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया।

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