पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। शांतिनिकेतन में ही कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने एक सदी पहले विश्वभारती की स्थापना की थी। यूनेस्को ने रविवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में यह घोषणा की।
यूनेस्को ने कहा, यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शांतिनिकेतन शामिल। भारत को बधाई। लंबे समय से प्रयास कर रहा था भारत पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित इस सांस्कृतिक स्थल को यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए भारत लंबे समय से प्रयास कर रहा था।
शांतिनिकेतन को इस सूची में शामिल करने का निर्णय सऊदी अरब में विश्व धरोहर समिति के 45वें सत्र के दौरान लिया गया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें खुशी और गर्व है कि शांतिनिकेतन को आखिरकार यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है।
सात एकड़ की भूमि में बना था आश्रम
शुरुआत में शांति निकेतन सात एकड़ भूमि में फैला था। अब इसका विस्तार हो चुका है। रवींद्रनाथ ने 1901 में सिर्फ पांच बच्चों को लेकर विश्व भारती स्कूल खोला था। पांच बच्चों में उनका बेटा भी था। 1921 में विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला। इस समय यहां 6 हजार से अधिक बच्चे पढ़ते हैं।
यूनेस्को में है 195 सदस्य देश
यूनेस्को का पूरा नाम संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन है। इसका गठन 16 नवंबर 1945 को हुआ था। यह दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और प्राकृतिक खजानों के संरक्षण के लिए समर्पित है। इस समय यूनेस्को के 195 सदस्य और 8 सहयोगी सदस्य देश हैं। इसका मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में है।
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देश की ये इमारतें भी है विश्व धरोहर
देश की कई इमारतों ने यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में जगह बनाई है। इनमें ताज महल, दिल्ली का ऐतिहासिक लाल किला, खजुराहो के प्राचीन मंदिर, प्रतिष्ठित कुतुब मीनार शामिल हैं।