https://thephotonnews.com/princes-shooter-naseem-will-reveal-the-secret/सेंट्रल डेस्क : दिल्ली सरकार की नई शराब नीति को बनाने और लागू करने में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से की जा रही है। इसी क्रम में एजेंसी ने बुधवार को आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि शराब नीति घोटाले में संजय सिंह का नाम पहली बार दिसंबर 2022 में सामने आया था। आइये जानते हैं कि आखिर क्या है दिल्ली शराब घोटाला? इस मामले में क्या-क्या आरोप लगे हैं? घोटाले में कितने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है? संजय सिंह की गिरफ्तारी क्यों हुई? संजय सिंह पर क्या आरोप है?
संजय सिंह का कहा गया- दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए फंड जुटाएं
पूर्व में हुई जांच के आधार पर ED ने अपने आरोपपत्र में संजय सिंह के नाम का उल्लेख किया था। इस आरोप पत्र में कहा गया कि बिचौलिए दिनेश अरोड़ा ने कहा था कि वह सिंह से अपने रेस्तरां अनप्लग्ड कोर्टयार्ड में एक पार्टी के दौरान मिला था। इसमें कहा गया है कि संजय सिंह की ओर से दिल्ली विधानसभा चुनाव के वास्ते फंड जुटाने के लिए कहा गया था। अरोड़ा ने कहा है कि उसने भी चेक दिया।
शराब दुकान स्थानांतरित करने में की गई थी मदद
ED के आरोपपत्र के अनुसार, बिचौलिए दिनेश अरोड़ा ने अपने बयान में कहा कि अमित अरोड़ा नाम के एक अन्य आरोपी की भी मदद की गई थी। दिनेश अपनी शराब की दुकान ओखला से पीतमपुरा स्थानांतरित करने में मदद चाहता था। आरोप है कि वह संजय सिंह के माध्यम से ऐसा कराने में कामयाब रहा क्योंकि सिंह ने सिसोदिया से कहा था। इसके बाद आबकारी विभाग ने मामले का निस्तारण किया।
दिल्ली के उपराज्यपाल ने की थी सीबीआई जांच की सिफारिश
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नई आबकारी नीति (2021-22) के क्रियान्वयन में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियागत खामियों का हवाला देकर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। सीबीआई ने नई आबकारी नीति में धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी के आरोप में आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया, तत्कालीन आबकारी विभाग के अधिकारियों और कारोबारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इसके बाद ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया था।
सिसोदिया की हुई थी 12वीं गिरफ्तारी
मनीष सिसोदिया को सबसे पहले इसी वर्ष फरवरी में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आने के बाद ईडी ने भी केस दर्ज किया और सिसोदिया को 9 मार्च को गिरफ्तार किया था।
यह भी जान लें
दिल्ली को 32 जोन में बांटनेवाली इस नई नीति के मुताबिक बाजार में केवल 16 लोगों को इजाजत दी जा सकती थी। इससे बाजार में एकाधिकार बढ़ने की संभावना थी। विपक्षी दलों का आरोप था कि नई आबकारी नीति के जरिए केजरीवाल सरकार ने भ्रष्टाचार किया। दिल्ली में शराब के कई छोटे वेंडर्स दुकानें बंद कर चुके थे। उनका कहना था कि कुछ बड़े प्लेयर्स अपने यहां स्टोर्स पर भारी डिस्काउंट से लेकर ऑफर्स देते रहे, इससे उनके लिए बिजनेस कर पाना नामुमकिन हो गया।
सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान
अदालतों में वकीलों ने कहा कि उन्हें थोक कीमत के बारे में पता था, लेकिन यह साफ नहीं था कि उन्हें किस दाम पर शराब की बिक्री करनी होगी। ईडी और सीबीआई द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति ने गुटबंदी की अनुमति दी और कुछ डीलरों का पक्ष लिया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी। इस नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
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