सेंट्रल डेस्क, नई दिल्ली: ऐसा अक्सर होता है। मार्केट में जब कोई चीज ज्यादा महंगी हो जाती है तो आम लोगों की परेशानी को देखते हुए सरकार की ओर से पहल की जाती है। यानी बाजार में जो वस्तु ज्यादा महंगी हो जाती है उसे केंद्र सरकार की ओर से सस्ती दर पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाती है। इसके लिए बाकायदा प्लान तैयार किया जाता है। हाल में ही जब दाल महंगी हुई थी, तो सरकार ने अपनी व्यवस्था के तहत दाल बेचने का फैसला लिया था।
जून-जुलाई में दाल की कीमत आसमान छू रही थी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने भारत ब्रांड नाम से सस्ती दर पर चने की दाल बेचनी शुरू कर दी। उस समय दाल 100 रुपये प्रति किलो बाजार में बिक रही थी। उसी प्रकार अब आटे को बाजार मूल्य से कम कीमत पर बेचने का फैसला सरकार ने लिया है।
भारतीय खाद्य निगम करेगा ढाई लाख टन गेहूं का आवंटन
केंद्र सरकार की योजना आम लोगों को सस्ती दर पर आटा उपलब्ध कराने की है। इसकी कीमत लगभग 27 रुपये प्रति किलो होगी। इस योजना की शुरुआत सात नवंबर को होगी। इसकी भी बिक्री ‘भारत’ ब्रांड के तहत की जायेगी। इसे 10 और 30 किलोग्राम की पैकिंग में बेचा जायेगा। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) को इसके लिए नोडल एजेंसी बनाया जायेगा।
सरकार उपलब्ध कराएगी सस्ता आटा ऐसे आटा तैयार कर होगी पैकिंग
भारतीय खाद्य निगम (FCI) सेंट्रल पूल से ढाई लाख टन गेहूं का आवंटन भारत ब्रांड आटे के लिए करेगा। इसके बाद गेहूं को पिसवाया जायेगा। पिसवाने के बाद इसे 10 किलो और 30 किलो की पैकिंग कर बेचा जाएगा। बता दें अभी आटा 35 रुपए प्रतिकिलो जबकि ब्रांडेड आटा अभी 40-50 रुपए प्रतिकिलो बिक रहा है।
कहां मिलेगा यह आटा
अब सबसे बड़ा सवाल उठता है, लोग सस्ता आटा खरीदेंगे कहां से? तो सस्ता आटा भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड), राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ), केंद्रीय भंडार और सफल की खुदरा दुकानों के माध्यम से खरीदा जा सकता है। इस व्यवस्था के तहता सस्ता आटा राज्य सरकारों को भी उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे वह इसका इस्तेमाल कल्याणकारी योजनाओं, पुलिस, कारागारों के अंतर्गत आपूर्ति के लिए कर सकेंगे। इसके साथ राज्य सरकार नियंत्रित सहकारी समितियों और निगमों के खुदरा दुकानों में सस्ते आटे की बिक्री होगी।
इस तरह सरकार तैयार करती है बफर स्टॉक
लोगों को सस्ती कीमतों पर आवश्यक वस्तुएं मिले, इसके लिए केंद्र सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) बनाया है। इसके अंतर्गत कुछ एग्री कमोडिटी का बफर स्टॉक रखा जाता है। इन वस्तुओं की कीमतें यदि असामान्य रूप से चढ़ती हैं तो सरकार बफर स्टॉक का इस्तेमाल करती है।
सस्ती दाल भी बेच रही सरकार
जून-जुलाई में दाल की कीमत आसमान छू रही थी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने भारत ब्रांड नाम से सस्ती दर पर चने की दाल बेचनी शुरू कर दी थी। उस समय दाल 100 रुपये प्रति किलो बाजार में बिक रही थी। अभी सरकार दाल बेच रही है। दाल का एक किलो का खुदरा पैक बनाया जा रहा है। इसका दाम 60 रुपये प्रति किलोग्राम है।
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