सेंट्रल डेस्क : योगी सरकार ने एक अनूठी पहल की है। उत्तर प्रदेश की सरकार के ‘मिशन शक्ति’ के तहत सरकारी स्कूल की छात्राओं को एक दिन के लिए प्रशासनिक अधिकारी बनाया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक जिले से 100-100 स्टूडेंट्स का चयन किया जाएगा। इससे पहले भी योगी सरकार द्वारा ऐसे प्रयास किए जा चुके है।
मिशन शक्ति के तहत परिषदीय और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की 7500 छात्राओं को एक दिन के लिए डीएम और एसपी बनाया जाएगा। इस फैसले का मकसद बच्चों को आत्मविश्वास, जिम्मेदारी और नेतृत्व की क्षमता विकसित करना है।
क्या है इस मिशन का मकसद?
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मिनिस्टर संदीप सिंह ने बताया कि इस योजना का तात्पर्य छात्राओं को प्रशासनिक जिम्मेदारियों का अनुभव कराना और उनके आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को बढ़ाना है। चयनित होने वाली बालिकाओं को डीएम, सीडीओ, बीएसए, खंड विकास अधिकारी, तहसीलदार, डीआईओएस जैसे पदों पर एक दिन काम करने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कासगंज की टॉपर भूमिका और संभल की शालू पहले से ही इस योजना के तहत एक दिन के लिए जिलाधिकारी बन चुकी है। इन दोनों ने अपने कर्तव्यों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया था।
आगे चलकर इन बच्चियों में ऐसा करने का भाव उत्पन्न होगा। उनके भीतर समाज में योगदान का भाव बढ़ेगा। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत उन बालिकाओं को प्राथमिकता दी जाएगी, जो अपनी निपुणता में दक्ष है। उनमें लीडरशिप क्वालिटी और निखर कर आएगी।
हर जाति-वर्ग की बच्चियों को मिलेगा मौका
इस कार्यक्रम में सभी जातियों, वर्ग और श्रेणियों की बालिकाएं हिस्सा ले सकती हैं। मिशन शक्ति के तहत यह बालिकाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिसमें वो प्रशासनिक अधिकारी के काम को समझ सकती है। अपनी नेतृत्व क्षमता को भी पहचान सकती है। चुनी गई बालिकाएं लोगों की समस्याओं की सुनवाई भी करेंगी और निवारण के लिए सक्रिय भागीदार बनेंगी।
छात्राओं ने पहले भी संभाली एक दिन की ये जिम्मेदारी
संभल जिले के बहजोई स्थित कस्तूरबा गांधी विद्यालय की छात्रा शालू ने एक दिन के लिए जब कार्यभार संभाला था, तब उसने मिशन शक्ति के तहत बैठक का सफलतापूर्वक संचालन किया था। अधिकारियों का परिचय लिया और निर्देश दिए थे। कासगंज की टॉपर भूमिका ने भी एक दिन के लिए जिलाधिकारी का कार्यभार संभाला और जनसमस्याओं की सुनवाई की और उनके समाधान के भी आदेश दिए। इसी प्रकार चित्रकूट से मनोरमा पटेल औऱ पारो ने भी एक दिन के इस अनुभव को सफलतापूर्वक निर्वहन किया था।
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