नई दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस पार्टी ने अडानी समूह पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा की मांग की। इसके अलावा, विपक्षी दलों ने मणिपुर में बिगड़े हालात, उत्तर भारत में प्रदूषण और हालिया रेल दुर्घटनाओं पर भी सरकार से संसद में चर्चा की अनुमति देने की मांग की।
कांग्रेस ने की मांग, अडानी पर लगे आरोपों पर तुरंत चर्चा कराएं
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने इस बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी ने सरकार से आग्रह किया है कि संसद में अडानी समूह पर लगे आरोपों पर तुरंत चर्चा कराई जाए। तिवारी ने बताया कि कांग्रेस की मांग है कि इस मुद्दे को सोमवार को संसद की बैठक में सबसे पहले उठाया जाए, क्योंकि यह देश के आर्थिक और सुरक्षा हितों से जुड़ा एक गंभीर विषय है।
क्या है अडानी समूह पर आरोप
अडानी समूह पर आरोप है कि इसने अपनी सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अनुकूल सौदा प्राप्त करने के लिए नेताओं और नौकरशाहों को रिश्वत दी। अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि गौतम अडानी ने भारतीय अधिकारियों को करीब 2,300 करोड़ रुपये (26.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की रिश्वत देने की योजना बनाई थी ताकि कंपनी को सौर ऊर्जा अनुबंधों में लाभ मिल सके। कांग्रेस ने इसे गंभीर आरोप मानते हुए इस पर संसद में विस्तृत चर्चा की मांग की है।
मणिपुर के हालात, बढ़ते प्रदूषण पर भी चर्चा की मांग
इसके अलावा, कांग्रेस ने मणिपुर की स्थिति को लेकर भी चिंता जताई, जहां पिछले कुछ महीनों से हिंसा और अस्थिरता जारी है। पार्टी ने उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण और उसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर प्रभावों पर भी चर्चा की मांग की। पार्टी का कहना है कि प्रदूषण का स्तर अब “नियंत्रण से बाहर” हो चुका है, जो आम जनजीवन के लिए खतरनाक है। इसके साथ ही कांग्रेस ने हाल ही में हुई रेल दुर्घटनाओं पर भी सरकार से जवाब तलब किया और इस विषय पर संसद में चर्चा करने की मांग की।
सर्वदलीय बैठक में ये रहे शामिल
सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने वाले अन्य प्रमुख नेताओं में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस के जयराम रमेश और गौरव गोगोई, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल, और अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल शामिल थे। इस बैठक को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने बुलाया था।
20 दिसंबर तक चलेगा शीतकालीन सत्र
शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होगा और 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे, जिनमें वक्फ (संशोधन) विधेयक, पंजाब न्यायालय (संशोधन) विधेयक, और तटीय नौवहन विधेयक प्रमुख हैं। इन विधेयकों के साथ-साथ सरकार ने ‘अनुदानों की अनुपूरक मांगों के प्रथम बैच’ पर भी चर्चा और मतदान की योजना बनाई है।
जेपीसी से जांच के लिए मांग करेगी कांग्रेस
विपक्षी दलों के नेता, खासकर कांग्रेस, ने यह स्पष्ट किया है कि वे अडानी पर लगे आरोपों को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच की मांग करेंगे। राहुल गांधी ने भी इस मामले की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर जोर दिया है और कहा है कि संसद में इसे उठाया जाना चाहिए।
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर भी सर्वदलीय बैठक में चर्चा
इस सर्वदलीय बैठक में संविधान के अंगीकार की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम पर भी चर्चा की गई, जो 26 नवंबर को पुराने संसद भवन में आयोजित होगा। इसके अलावा, वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर भी चर्चा की गई, जिसमें विपक्ष के सदस्य यह मांग कर रहे हैं कि इसे और समय दिया जाए क्योंकि इस पर रिपोर्ट पेश करने की समय सीमा बहुत कम है। कुल मिलाकर, यह सर्वदलीय बैठक आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में होने वाली चर्चा और विवादों का संकेत देती है। विपक्ष के नेता अब इस सत्र में सरकार से जवाब-तलब करने के लिए तैयार हैं और कई अहम मुद्दों पर सरकार से जवाबी कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।


