लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 50 हजार महिलाओं को रोजगार देने का ऐलान किया है। योगी सरकार के इस फैसले के तहत अगले पांच वर्षों में 5,000 महिला समूहों की 50,000 महिलाएं रेशम उत्पादन और उद्योग से जुड़ेंगी।
इस दिशा में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) और रेशम विभाग के बीच समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी शिरकत की और महिलाओं की सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धताओं को उजागर किया।
महिलाओं को सशक्त, समृद्ध और स्वावलंबी बनाने के लिए कई योजनाओं पर हो रहा काम
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार में महिलाओं को सशक्त, समृद्ध और स्वावलंबी बनाने के लिए कई योजनाओं पर काम हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि इस पहल से महिलाओं को परिवार और समाज में सम्मान बढ़ाने का अवसर मिलेगा। साथ ही, वे अपने हुनर को निखार कर प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप प्रदेश को आगे बढ़ाने में योगदान देंगी।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश में 30 लाख लखपति दीदी बनाने की दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। इसके अलावा, उन्होंने महिलाओं को प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत लाभ देने की बात भी की और समूह की सदस्यों को नए ड्रेसकोड अपनाने के निर्देश दिए।
महिलाओं को वितरित किए गए ई-रिक्शा
कार्यक्रम में महिलाओं को ई-रिक्शा भी वितरित किए गए, ताकि वे अपनी आजीविका को और बेहतर तरीके से चला सकें। इसके अलावा, सामुदायिक निवेश निधि में 111 करोड़ रुपये और आपदा निवारण निधि के लिए 18 करोड़ रुपये जारी किए गए। उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया गया।
इसी कार्यक्रम में 19 टेक होम राशन इकाइयों को 4.33 करोड़ रुपये का अनुदान भी दिया गया, और बैंक क्रेडिट लिंकेज के तहत 200 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया। इस पहल के अंतर्गत महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई योजनाओं को लागू किया गया है।
इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वर्चुअली जुड़कर महिलाओं के सशक्तिकरण के महत्व पर जोर दिया।