Home » JAP-1 145th Foundation Day : जैप-वन देश की सबसे पुरानी वाहिनी, इससे पाकिस्तान भी खौफ खाता है : डीजीपी

JAP-1 145th Foundation Day : जैप-वन देश की सबसे पुरानी वाहिनी, इससे पाकिस्तान भी खौफ खाता है : डीजीपी

जैप-वन परिसर में एक आनंद मेला भी आयोजित किया गया, जिसमें 97 स्टॉल लगाए गए थे। इनमें एक विशेष 'प्राइड ऑफ गोरखा' स्टॉल था, जहां गोरखा समाज की उपलब्धियों और उनकी संस्कृति को प्रदर्शित किया गया। यह मेला 8 जनवरी तक चलेगा और क्षेत्रीय लोग इसका लाभ उठा सकते हैं।

by Anurag Ranjan
JAP-1 145th Foundation Day
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

रांची: झारखंड सशस्त्र पुलिस (जैप-वन) के 145वें स्थापना दिवस (JAP-1 145th Foundation Day) के अवसर पर राजधानी रांची के डोरंडा स्थित जैप-1 परिसर में भव्य परेड का आयोजन किया गया। इसमें जैप-वन की छह प्लाटूनों ने हिस्सा लिया और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यह समारोह सशस्त्र बलों की वीरता और समर्पण का प्रतीक बना।

जैप-वन के145वें  स्थापना दिवस समारोह की फीता काटकर शुरुआत करते डीजीपी
जैप-वन के145वें स्थापना दिवस समारोह की फीता काटकर शुरुआत करते डीजीपी

डीजीपी अनुराग गुप्ता की महत्वपूर्ण टिप्पणी

स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता ने जैप-वन (JAP-1) की ऐतिहासिक भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह भारत की सबसे पुरानी वाहिनी है, जो 1880 में न्यू रिजर्व फोर्स (New Reserve Force) के नाम से स्थापित हुई थी। डीजीपी ने इस बात को रेखांकित किया कि इस बटालियन से पाकिस्तान भी खौफ खाता है। उन्होंने कहा कि सिख रेजिमेंट (Sikh Regiment) और गोरखा जवानों (Gurkha soldiers) के समर्पण और साहस से पाकिस्तान को हमेशा डर लगाता है।

जैप-वन की ऐतिहासिक यात्रा

इस अवसर पर जैप-वन के कमांडेंट राकेश रंजन ने इस वाहिनी के ऐतिहासिक सफर के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि 1892 में इसे बंगाल मिलिट्री पुलिस के नाम से जाना गया और बाद में 1905 में इसका नाम बदलकर गोरखा मिलिट्री रख दिया गया। स्वतंत्रता के बाद इसे ‘प्रथम वाहिनी बिहार सैनिक पुलिस’ नाम दिया गया और 2000 में झारखंड के गठन के बाद इसे ‘झारखंड सशस्त्र पुलिस वन’ (जैप-वन) के रूप में जाना जाने लगा।

इस दौरान भव्य परेड का आयोजन भी किया गया।
इस दौरान भव्य परेड का आयोजन भी किया गया।

आनंद मेला का आयोजन

इस मौके पर जैप-वन परिसर में एक आनंद मेला भी आयोजित किया गया, जिसमें 97 स्टॉल लगाए गए थे। इनमें एक विशेष ‘प्राइड ऑफ गोरखा’ स्टॉल था, जहां गोरखा समाज की उपलब्धियों और उनकी संस्कृति को प्रदर्शित किया गया। यह मेला 8 जनवरी तक चलेगा और क्षेत्रीय लोग इसका लाभ उठा सकते हैं।

कार्यक्रम में शामिल अन्य अधिकारी

इस भव्य समारोह में डीजी प्रशांत सिंह, डीजी आरके मलिक, एडीजी प्रिया दुबे, और आईजी एवी होमकर सहित झारखंड पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इस आयोजन ने राज्य की पुलिस की वीरता और उनके योगदान को याद करने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया।

Read Also: CM Hemant Soren: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोहराय मिलन समारोह में हुए शामिल, बोले-ये हमारी सभ्यता का प्रतीक


Related Articles