नई दिल्ली: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री नेशनल हाइवे पर बन रहा टनल 12 नवंबर को धंस गया था। इसके कारण इसमें 55 घंटे से अधिक समय से 40 मजदूर फंसे हुए हैं। चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह टनल ब्रह्माखाल से यमुनोत्री नेशनल हाइवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाया जा रहा है।
बचाव अभियान में लगे हैं एनडीआरएफ लेकर आइटीबीपी तक
दुर्घटना में बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के मजदूर फंसे हुए हैं। इसको निकालने के लिए 24 घंटे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आइटीबीपी, बीआरओ की टीम प्रयास कर रही है। नेशनल हाइवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के डायरेटक्टर टेक्निकल अतुल कुमार ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चलाया जा रहा है, लेकिन ऊपर से मलबा गिरन के कारण परेशानी आ रही है। हमने अब स्टील पाइप की मदद से मजदूरों को निकालने का प्लान किया है।
वहीं, स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट के सेक्रेटरी रंजीत सिन्हा ने बताया कि मंगलवार शाम या बुधवार की सुबह तक मजदूरों को टनल से निकाल लिया जाएगा। उन्हें पाइप के जरिए ऑक्सीजन और खाना-पानी पहुंचाया जा रहा है। सभी मजदूर सुरक्षित हैं।
फंसे हुए मजदूरों में सबसे ज्यादा झारखंड
स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट के अनुसार टनल के अंदर झारखंड के 15, उत्तर प्रदेश के 8, ओडिशा के 5, बिहार के 4, पश्चिम बंगाल के 3, उत्तराखंड के 2, असम के 2 और हिमाचल प्रदेश का एक मजदूर फंसे हुए हैं। वहीं, मौके पर पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं। उनसे वॉकी-टॉकी से संपर्क किया गया है। खाना-पानी पहुंचाया जा रहा है।
कमेटी करेगी घटना की जांच
मुख्यमत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर हाई लेवल मीटिंग की है। हम लोग हर पल की जानकारी ले रहे हैं। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी घटना की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उत्तराखंड सरकार ने घटना की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी बनाई है, जो मामले की जांच करेगी। कमेटी ने जांच भी शुरू कर दी है।
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