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8th Pay Commission : नए साल में सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, आठवें वेतन आयोग को मंजूरी, बढ़ जाएगी salary

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने नए साल के मौके पर लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को एक शानदार तोहफा दिया है। सरकार ने गुरुवार को आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है। इससे न केवल कर्मचारियों की सैलरी में वृद्धि होगी, बल्कि पेंशनधारकों को भी इसका लाभ मिलेगा। इस फैसले से एक करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित होंगे।

आठवें वेतन आयोग का गठन: क्या है फैसला?

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी गई। यह कदम केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के वेतन व पेंशन में इजाफा करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

2026 में समाप्त होगा सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल

मंत्री ने यह भी बताया कि सातवें वेतन आयोग का गठन 2016 में हुआ था और इसका कार्यकाल 2026 में समाप्त होने वाला है। लेकिन आठवें वेतन आयोग का गठन सातवें आयोग के खत्म होने से एक साल पहले ही कर लिया गया है, जो कर्मचारियों के लिए एक बड़ा राहत भरा कदम है।

वेतन आयोग का उद्देश्य और महत्व

भारत में वेतन आयोग का गठन हर दस साल में एक बार किया जाता है, ताकि कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में महंगाई और अन्य आर्थिक बदलावों के आधार पर सुधार किया जा सके। इसके तहत विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पहलुओं, जैसे महंगाई, जीवन यापन की लागत और अन्य आर्थिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए सिफारिशें की जाती हैं। इसके कारण कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में समय-समय पर वृद्धि की जाती है।

सातवें वेतन आयोग के गठन के समय से ही सरकारी कर्मचारियों ने आठवें वेतन आयोग की मांग की थी, क्योंकि इससे वेतन संरचना और पेंशन में सुधार की उम्मीद थी। आयोग की सिफारिशों के आधार पर कर्मचारियों को वेतन वृद्धि मिलने के साथ-साथ उनकी जीवनशैली और खर्चे भी संतुलित होते हैं।

आठवें वेतन आयोग की स्थापना की समयसीमा

आश्वासन दिया गया है कि आठवें वेतन आयोग के अध्यक्ष और दो अन्य सदस्यों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। यह निर्णय कर्मचारियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे न केवल उनकी वेतन वृद्धि होगी, बल्कि पेंशनधारकों को भी इसका लाभ मिलेगा।

पिछला वेतन आयोग और इसकी सिफारिशें

सातवें वेतन आयोग का गठन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में हुआ था, और 2016 में मोदी सरकार ने इसकी सिफारिशों को लागू किया। यह आयोग कर्मचारियों के वेतन में महत्वपूर्ण वृद्धि का कारण बना, लेकिन अब कर्मचारियों और पेंशनधारकों की लगातार बढ़ती हुई मांग के कारण आठवें वेतन आयोग की आवश्यकता महसूस की गई।

सातवें वेतन आयोग से पहले, चौथे, पांचवे और छठे वेतन आयोगों का कार्यकाल भी दस-दस साल का था। यही कारण था कि सरकारी कर्मचारी लंबे समय से आठवें वेतन आयोग की स्थापना की मांग कर रहे थे। अब, आठवें वेतन आयोग का गठन होने से कर्मचारियों के लिए सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी के रास्ते खोलने की संभावना बनी है।

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