नई दिल्ली/Nishikant Dubey BJP: भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में शून्यकाल के दौरान यह दावा किया कि बांग्लादेश से आए, घुसपैठिए बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ क्षेत्रों में हिंदू महिलाओं से शादी कर रहे हैं।
निशिकांत दुबे के अनुसार यदि इन क्षेत्रों में एनआरसी लागू नहीं की गई, तो यहां से हिंदू आबादी गायब हो जाएगी। इन क्षेत्रों में मुसलमानों की आबादी दिन- प्रतिदिन अप्रत्याशित रूप से बढ़ती जा रही है, जो गंभीर चिंतन का विषय है।
Nishikant Dubey BJP: केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की
बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ क्षेत्रों में हिंदू गांव खाली होने का मुद्दा लोकसभा में उठाया। उन्होंने बांग्लादेश से हो रहे अवैध घुसपैठ की ओर सदन का ध्यानाकर्षण कराया।
इन क्षेत्रों को सरकार द्वारा केंद्र शासित प्रदेश बनाने की भी मांग की। शून्यकाल में मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में आदिवासियों की आबादी घट रही है।
Nishikant Dubey BJP: इन क्षेत्रों को केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग
निशिकांत दुबे ने जिन क्षेत्रों को संयुक्त रूप से केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की उनमें, झारखंड के संथाल परगना,पश्चिम बंगाल के मालदा, मुर्शिदाबाद और बिहार के अररिया किशनगंज और कटिहार क्षेत्र हैं।
Nishikant Dubey BJP: दावा गलत होने पर इस्तीफा देने को तैयार
सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि मैं ऑन रिकॉर्ड यह बात कह रहा हूं कि हिंदुओं के गांव के गांव खाली हो रहे हैं। इस संबंध में अगर मेरी कोई भी बात गलत निकली, तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि जो आदिवासी महिला लोकसभा या पंचायत चुनाव लड़ती है, उसका पति मुस्लिम होता है।
झारखंड राज्य में कम से कम 100 महिलाएं ऐसी हैं जिनके पति मुस्लिम हैं। उन्होंने कहा कि यह हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा नहीं है बल्कि क्षेत्र में बाहरी लोगों के बसने का मुद्दा है।
Nishikant Dubey BJP: एनआरसी लागू करने का दिया सुझाव
सांसद ने संथाल परगना क्षेत्र और पश्चिम बंगाल और बिहार के इन क्षेत्रों में एनआरसी लागू करने के साथ ही सदन की एक समिति को इन क्षेत्रों का दौरा करने का सुझाव भी दिया। निशिकांत दुबे ने यह भी कहा कि इस समिति में तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों की संख्या अधिक हो।
Nishikant Dubey BJP: कहां गए 10 प्रतिशत आदिवासी
निशिकांत दुबे ने झारखंड हाईकोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में मुसलमान जनसंख्या दिन- प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यह धर्मांतरण की ओर साफ-साफ इशारा कर रहा है।
संसद में यह भी प्रश्न किया कि जब झारखंड, बिहार से वर्ष 2000 में अलग हुआ था, उस समय संथाल परगना क्षेत्र में आदिवासियों की 36 प्रतिशत आबादी निवास करती थी, जो घटकर आज महज 26 प्रतिशत रह गई है। बाकी 10 प्रतिशत आदिवासी गायब हो गई।


