हुसैनाबाद : हुसैनाबाद में भाजपा के फायरब्रांड नेता हिमंता बिस्वा सरमा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके एक विवादास्पद बयान के कारण उनके खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मेदिनीनगर में परिवाद दायर किया गया है। यह शिकायत पूर्व विधायक और हुसैनाबाद से बसपा प्रत्याशी ने दर्ज कराई है।
सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का आरोप
परिवाद में आरोप लगाया गया है कि हिमंता बिस्वा सरमा ने हुसैनाबाद में कर्पूरी मैदान में आयोजित एक सभा के दौरान सांप्रदायिक उन्माद फैलाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा था, “यह हुसैन कौन है? यह हुसैन कहां से आया? जिसके नाम पर इस इलाके का नाम हुसैनाबाद रखा गया है, हम उसका नाम बदल देंगे।” इस बयान पर बसपा प्रत्याशी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हुसैनाबाद के लोग आपसी सौहार्द से रहते हैं और यहां किसी संप्रदाय के प्रति द्वेष या कटुता नहीं है। इस प्रकार के बयान देना लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के समान है।
कानूनी कार्रवाई की मांग
पूर्व विधायक ने न्यायालय से आग्रह किया है कि हिमंता बिस्वा सरमा पर सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि इस तरह के बयानों से सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि क्षेत्र में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सिंचाई जैसे मुद्दे हैं, जिन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, लेकिन भाजपा इन मुद्दों को छोड़कर केवल राजनीतिक बयानबाजी कर रही है।
राजनीतिक संदर्भ
हिमंता बिस्वा सरमा का यह बयान उस समय आया है जब भाजपा हुसैनाबाद में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए प्रयासरत है। उनके बयान के बाद क्षेत्र में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है, और यह देखना होगा कि इस विवाद का क्या राजनीतिक परिणाम निकलता है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना कि हिमंता बिस्वा सरमा का विवादास्पद बयान न केवल उन्हें व्यक्तिगत तौर पर चुनौती देगा, बल्कि यह भाजपा की राजनीतिक रणनीति पर भी सवाल उठाता है। आगामी चुनावों में इस मामले का असर महत्वपूर्ण हो सकता है, और क्षेत्रीय राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है।
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