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चुनाव खर्च पर पैनी नजर : बैंकों को संदिग्ध लेनदेन की रिपोर्ट करने का निर्देश

ऑब्जर्वर की बैठक में बैंकर्स को मिली जरूरी गाइडलाइन

by Anand Mishra
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जमशेदपुर : स्थानीय सर्किट हाउस में चुनाव व्यय पर्यवेक्षकों गिरेन्द्र प्रताप सिंह और कमलजीत के. कमल ने जिले के बैंकर्स के साथ एक अहम बैठक की। इस बैठक में उन्होंने विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान चुनाव खर्च को लेकर गहरी निगरानी रखने और संदिग्ध लेनदेन की रिपोर्ट करने के निर्देश दिए।

10 लाख या उससे अधिक के लेन-देन की रिपोर्ट अनिवार्य

चुनाव पर्यवेक्षकों ने बैंकों को स्पष्ट दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि यदि किसी भी खाते में 10 लाख रुपये या उससे अधिक का लेन-देन होता है, तो इसकी सूचना व्यय कोषांग को तत्काल भेजी जाए। इसके अलावा, संदिग्ध लेनदेन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिए गए हैं। बैंकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि कोई भी असामान्य या संदेहास्पद नकद निकासी, खासकर 1 लाख रुपये से अधिक की निकासी को गंभीरता से ट्रैक किया जाए।

रिपोर्टिंग की प्रक्रिया और दस्तावेज़ीकरण

बैठक के दौरान, बैंक प्रतिनिधियों को जिला निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय और व्यय कोषांग को प्रपत्र 12-डी में रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया गया। इस रिपोर्ट में सभी संदिग्ध गतिविधियों का विवरण होगा, जिससे चुनाव के दौरान पारदर्शिता बनी रहे।

नकदी ले जाने वाले वाहनों पर विशेष निगरानी

बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि बैंक गाड़ियां नकदी लेकर यात्रा करती हैं, तो उन वाहनों में मौजूद सभी कर्मचारियों के पास संपूर्ण दस्तावेज होने चाहिए। यदि कोई गाड़ी एटीएम मशीन में पैसा डालने जा रही हो या एक बैंक से दूसरे बैंक शाखा में नकद धन भेजने की प्रक्रिया में हो, तो ऐसे मामलों में वाहन में सवार बैंक कर्मियों को पूरी जिम्मेदारी निभानी होगी। यदि दस्तावेज़ नहीं मिलते हैं, तो उड़न दस्ता या स्टेटिक मजिस्ट्रेट द्वारा कार्रवाई की जा सकती है।

संदिग्ध लेन-देन पर निगरानी: क्यों है यह जरूरी?

इस चुनाव में संदिग्ध लेनदेन पर पैनी नजर रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि चुनाव खर्च का सही हिसाब-किताब रखना चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और ईमानदारी को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। चुनाव आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने से यह सुनिश्चित होगा कि चुनाव के दौरान काले धन का उपयोग नहीं हो और सभी पक्ष नियमों के तहत काम करें।

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