लोहरदगा: झारखंड के लोहरदगा शहर में अब 24 घंटे बिजली की सुविधा मिलेगी। झारखंड बिजली विभाग द्वारा लोहरदगा-लातेहार 220/132 केवी ग्रिड सबस्टेशन और लोहरदगा 220 केवी द्विपथ संचरण लाइन की शुरुआत से यह संभव हुआ है। इस नई परियोजना के शुरू होने से लोहरदगा शहर में बिजली की आपूर्ति स्थिर और निर्बाध होगी। अब लोहरदगा के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों को भी उच्च गुणवत्ता की बिजली उपलब्ध होगी।
झारखंड बिजली विभाग की महत्वाकांक्षी परियोजना
लोहरदगा-लातेहार 220/132 केवी ग्रिड सबस्टेशन और लोहरदगा 220 केवी द्विपथ संचरण लाइन का निर्माण झारखंड कंसलटेंसी परियोजना के तहत 2016 में शुरू किया गया था। हालांकि, निर्माण के दौरान कई बाधाएं आईं, जिसके कारण परियोजना को समय पर पूरा करना मुश्किल हो गया। इन बाधाओं को पार करते हुए सरकार और विभाग ने मिलकर काम में तेजी लाई और परियोजना को पूरा कर इसे चालू किया।
लोहरदगा और आसपास के क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति में सुधार
इस परियोजना के शुरू होने से लोहरदगा, गुमला और सिमडेगा जिलों में बिजली की आपूर्ति में गुणवत्ता सुधार होगा। इसके साथ ही, कम वोल्टेज की समस्या भी दूर होगी, जिससे इन क्षेत्रों के लोग निर्बाध बिजली का लाभ उठा सकेंगे। पहले लोहरदगा को रांची के हटिया ग्रिड सबस्टेशन से लगभग 70 मेगावाट बिजली मिलती थी, लेकिन अब लोहरदगा ग्रिड के चालू होने से इस सबस्टेशन पर भार कम हो गया है, जिससे रांची और आसपास के क्षेत्रों को भी अतिरिक्त बिजली मिल सकेगी।
नया ग्रिड और इसकी भूमिका
लोहरदगा का यह नया ग्रिड लातेहार ग्रिड के पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन से जुड़ा हुआ है, जिसे चंदवा स्थित राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़कर अधिक सक्षम बनाया गया है। इसके चलते अब लोहरदगा शहर को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति हो सकेगी, जो पहले केवल सीमित घंटों तक ही मिल पाती थी।
झारखंड सरकार की ऊर्जा क्षेत्र में उपलब्धियां
इस परियोजना का आरंभ राज्य सरकार की ऊर्जा क्षेत्र में की गई विभिन्न पहलों का हिस्सा है। सरकार ने बिजली की आपूर्ति के सुधार के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, जिनका लाभ अब राज्य के नागरिकों को मिल रहा है। इस परियोजना से राज्य की बिजली आपूर्ति में न केवल सुधार हुआ है, बल्कि इसके चलते लोगों की जीवनशैली में भी सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
लोहरदगा शहर में 24 घंटे बिजली की सुविधा मिलने से न सिर्फ यहां के नागरिकों को राहत मिलेगी, बल्कि इससे क्षेत्रीय विकास में भी एक नई दिशा मिलेगी। यह परियोजना झारखंड में ऊर्जा क्षेत्र के सुधार की दिशा में एक अहम कदम है।