पूर्वी चंपारण : रक्सौल के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी शिवम कुमार ने दो चीनी नागरिकों को भारत में अवैध रूप से घुसने के आरोप में तीन-तीन वर्षों की सश्रम कारावास और दस-दस हजार रुपए का अर्थदंड सुनाया। दोनों चीनी नागरिकों के पास ना तो पासपोर्ट था और ना ही भारत में प्रवेश के लिए वीजा। अगर वे अर्थदंड नहीं देते हैं तो उन्हें एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
यह दोनों चीनी नागरिक, झाओं जिंग और कू फूंग, चीन के बोलीनिझियां फेनीयांई एक्सनिगु राज्य के निवासी हैं। रक्सौल के आब्रजन पदाधिकारी सुरेश कुमार सिंह ने इन दोनों युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, जिसमें बताया गया कि 22 जुलाई 2023 को ये दोनों युवक नेपाल से भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। भारत की कस्टम सीमा पर इन्हें पकड़ा गया, जब यह पाया गया कि इनके पास भारत में प्रवेश करने के लिए कोई वैध दस्तावेज नहीं थे।
कोर्ट ने सुनवाई के बाद सजा सुनाई
मामले की सुनवाई वाद संख्या 1629/2024 में हुई, जहां अभियोजन पक्ष की ओर से एएसजीसी पुतुल पाठक ने छह गवाहों को पेश किया और साक्ष्य प्रस्तुत किए। न्यायालय ने दोनों चीनी नागरिकों को भारतीय पासपोर्ट प्रवेश अधिनियम 1920 की धारा 03 और विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14 (बी) के तहत दोषी पाया और उन्हें तीन-तीन वर्षों की सजा सुनाई।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि इन दोनों चीनी नागरिकों को पहले 2 जुलाई 2023 को भारत में घुसने की कोशिश करते वक्त नेपाल का वीजा होने और चीन का पासपोर्ट होने के कारण अधिकारियों ने उन्हें वापस नेपाल भेज दिया था। इसके बाद 20 दिन बाद यह दोनों फिर से बिना पासपोर्ट और वीजा के भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे, तब इन्हें रक्सौल सीमा पर पकड़ा गया।
कारावास में बिताए गए दिन को सजा में समायोजित किया जाएगा
इस समय तक ये दोनों चीनी नागरिक 536 दिन से कारागार में हैं, और यह अवधि उनकी सजा की अवधि में समायोजित की जाएगी। यह मामला भारत में अवैध आव्रजन को लेकर एक सख्त संदेश देता है और भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकने में मदद करेगा।
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