चाईबासा : झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के एक जंगल से सुरक्षाबलों ने छह संवर्धित विस्फोटक उपकरण (आईईडी) बरामद किए हैं। यह विस्फोटक उपकरण कथित रूप से नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों के जवानों को निशाना बनाने के लिए लगाए गए थे। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने रविवार को इस बारे में जानकारी दी।
सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह विस्फोटक उपकरण पश्चिमी सिंहभूम जिले के नक्सल प्रभावित टोंटो थाना क्षेत्र के लोवाबेरा गांव के पास एक जंगल में पाए गए। इस क्षेत्र में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), कोबरा, झारखंड जगुआर और जिला सशस्त्र पुलिस के जवानों द्वारा चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान इन आईईडी को बरामद किया गया।
यह आईईडी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) द्वारा सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के उद्देश्य से लगाए गए थे। पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने बताया कि इन विस्फोटकों का वजन पांच-पांच किलो था और बम निरोधक दस्ते ने मौके पर ही इन्हें निष्क्रिय कर दिया।
नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे तलाशी अभियान
पुलिस द्वारा कई महीनों से चलाए जा रहे बड़े पैमाने के तलाशी अभियानों में यह बरामदगी एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। पुलिस को जानकारी मिली थी कि इस इलाके में मिसिर बेसरा समेत कई प्रमुख माओवादी नेता सक्रिय हैं। बेसरा पर एक करोड़ रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है।
पिछले कुछ दिनों में नक्सल गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है, जैसे कि जिले के जराइकेला इलाके में हुए आईईडी विस्फोट में एक सात वर्षीय बच्ची की मौत हो गई और एक महिला घायल हो गई थी।
नक्सल विरोधी अभियान की अहमियत
माना जा रहा है कि यह बरामदगी न केवल सुरक्षा बलों की सतर्कता का परिणाम है, बल्कि झारखंड में नक्सल विरोधी अभियानों में सुरक्षाबलों की लगातार सफलता की ओर भी इशारा करती है। पुलिस और सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए क्षेत्रीय शांति बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास किए हैं।