मुंगेर: बिहार की राजनीति में हलचल मचाने वाले जीतन राम मांझी ने एनडीए में अपनी पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर (HAM) की उपेक्षा पर कड़ा रुख अपनाया है। बुधवार को मुंगेर के जमालपुर के रामपुर में आयोजित जिलास्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में उन्होंने मोदी सरकार को चेतावनी दी। मांझी ने कहा, ‘भय बिनु होय न प्रीत’ का जिक्र करते हुए एनडीए को आगाह किया कि उनकी पार्टी और उनके समाज को हल्के में लेना ठीक नहीं होगा।
कार्यक्रम में मांझी ने झारखंड और दिल्ली चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी पार्टी को वहां एक भी सीट नहीं दी गई। उन्होंने कहा, ‘अगर हमें झारखंड और दिल्ली में दो-तीन सीटें दी जातीं, तो हम बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। बिहार में हमारी पार्टी का शानदार रिकॉर्ड रहा है और 2025 के विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही प्रदर्शन करेंगे।’ साथ ही उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए 20 सीटों की मांग भी रखी।
तेजस्वी यादव पर तीखा हमला
तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए मांझी ने कहा, ‘जब उनके माता-पिता सत्ता में थे, तब न तो उन्हें मां याद आई, न ही बहन। उस समय वे सिर्फ मलाई काटने में लगे हुए थे। अब बिहार की महिलाओं को बरगलाने की जो कोशिश कर रहे हैं, उसे जनता समझ चुकी है।’
जातीय जनगणना पर राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया
जातीय जनगणना पर राहुल गांधी के बयान को फर्जी बताते हुए मांझी ने कहा, ‘राहुल गांधी बचकानी बातें कर रहे हैं। आखिर जातीय जनगणना क्यों फर्जी है? इसके पीछे उनका क्या आधार है?’ मांझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री ने हमें राज्यों को अपनी जातीय जनगणना कराने की अनुमति दी, जिसके बाद बिहार पहला राज्य बना, जहां यह जनगणना हुई।’
एनडीए छोड़ने की संभावना से किया इनकार
मांझी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विकास कार्य सराहनीय है, इसलिए वह एनडीए का साथ नहीं छोड़ रहे। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि भूइयां-मुशहर समाज की ताकत को नजरअंदाज करना गलत होगा।
मांझी के इस बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है और 2025 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक समीकरणों को नया मोड़ दे दिया है।