सेंट्रल डेस्क : डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली और जैसे ही उन्होंने अपना पदभार संभाला, उन्होंने कुछ अहम फैसले लिए, जो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गए। ट्रंप के इन फैसलों में से एक ने भारतीय अप्रवासी समुदाय के बीच चिंता की लहर दौड़ा दी है। यह आदेश अमेरिकी सरकार के अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई से जुड़ा हुआ है।
अवैध प्रवासियों के लिए खतरे की घंटी
राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने जो कार्यकारी आदेश साइन किए हैं, उसके तहत अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इनमें से एक बड़ा हिस्सा भारतीयों का भी है। प्यू रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले भारतीयों की संख्या लगभग 7,25,000 है। यह संख्या बेहद चिंताजनक है, क्योंकि अब इन भारतीयों के खिलाफ अमेरिकी सरकार कठोर कार्रवाई कर सकती है।
अमेरिकी अधिकारियों के लिए नए अधिकार
ट्रंप प्रशासन ने 287(G) समझौते के तहत स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भी अधिकार दिया है कि वे अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी के तहत विदेशी नागरिकों की जांच, गिरफ्तारी और हिरासत कर सकें। यह समझौता अब अवैध प्रवासियों की पहचान और कार्रवाई में स्थानीय एजेंसियों की भूमिका को और भी महत्वपूर्ण बना देगा। यानी, अब अमेरिकी पुलिस और अन्य स्थानीय एजेंसियां बिना किसी विशेष आदेश के भी अवैध प्रवासियों के खिलाफ कदम उठा सकती हैं।
राष्ट्रपति का राष्ट्रीय सुरक्षा पर जोर
ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए इसे एक गंभीर मुद्दा मानते हुए इसे राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया है। उनके अनुसार, अवैध प्रवास के कारण अमेरिकी नागरिकों को खतरा हो सकता है, जिससे देश की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। इसके चलते उन्होंने बॉर्डर पर दीवार बनाने, नए अरेस्ट सेंटर बनाने और सीमा पर सेना भेजने का आदेश भी दिया है। यह कदम अमेरिका के लिए कई तरह से विवादास्पद हो सकते हैं, लेकिन ट्रंप ने इसे अपनी प्राथमिकता बताया है।
बर्थराइट सिटीजनशिप का खत्म होना : भारतीयों पर असर
एक और महत्वपूर्ण कदम था ट्रंप द्वारा बर्थराइट सिटीजनशिप को खत्म करने का आदेश देना। इस नीति के तहत अमेरिका में जन्मे बच्चों को नागरिकता मिलती थी, लेकिन अब इसे समाप्त किया जा सकता है। इसका सीधा असर उन भारतीय परिवारों पर पड़ेगा, जो अमेरिका में अपने बच्चों को जन्म देने के बाद उन्हें नागरिकता देने की उम्मीद करते थे। इस फैसले से भारत सहित अन्य देशों के अप्रवासी समुदायों को बड़ा झटका लग सकता है।
भारतीय समुदाय के लिए क्या मायने रखता है यह बदलाव
डोनाल्ड ट्रंप की नई नीतियां भारतीय अप्रवासी समुदाय के लिए कई चुनौतियों का कारण बन सकती हैं। अमेरिका में रह रहे भारतीयों को अपनी स्थिति को लेकर गंभीरता से सोचना होगा। यह जरूरी हो गया है कि वे अपने सभी दस्तावेज़ और कानूनी स्थिति को अपडेट रखें, ताकि अगर भविष्य में कोई कार्रवाई होती है, तो वे उसके लिए तैयार रहें।
कानूनी सलाह और विशेषज्ञों की मदद लेकर भारतीय समुदाय को अपने कानूनी अधिकारों और सुरक्षा के बारे में पूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए। इसके साथ ही, ऐसे सभी लोग जिनके पास अस्थायी दस्तावेज़ हैं या जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं, उन्हें जल्द से जल्द अपनी स्थिति सुधारने के प्रयास करने होंगे।
आगे का रास्ता : नई नीतियों से लड़ने के लिए तैयारी जरूरी
अमेरिका में भारतीयों के लिए यह समय न केवल चिंता का है, बल्कि यह अपने अधिकारों को सुरक्षित रखने और भविष्य के जोखिमों से निपटने के लिए तैयारी करने का भी है। ट्रंप प्रशासन की नई नीतियां बहुत ही कठोर हो सकती हैं और इससे भारतीय समुदाय पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, इस स्थिति से निपटने के लिए सभी भारतीयों को एकजुट होकर कानूनी सलाह और दस्तावेज़ अपडेट करने पर ध्यान देना होगा। इस महत्वपूर्ण स्थिति में भारतीय समुदाय की पूरी जिम्मेदारी है कि वे अपनी स्थिति को सुधारें और नए फैसलों से प्रभावित होने से पहले खुद को तैयार करें।
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