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PADDY PROCUREMENT IN BIHAR : बिहार में धान की खरीद का नया रिकॉर्ड, लेकिन लक्ष्य से पीछे है सरकार

बिहार सरकार ने धान बेचने वाले निबंधित किसानों का बायोमेट्रिक सत्यापन भी किया, ताकि इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके।

by Yugal Kishor
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पटना: बिहार सरकार ने इस साल धान की खरीद में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, लेकिन फिर भी सरकार अपने निर्धारित लक्ष्य से पीछे रही है। हर साल की तरह इस बार भी बिहार सरकार ने 45 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा था, लेकिन इस बार 39.23 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई, जो कि पिछले साल की तुलना में 30% अधिक है। इसके बावजूद यह लक्ष्य का लगभग 87.2 प्रतिशत ही पूरा किया जा सका।

पिछले वर्ष की तुलना में 30% अधिक धान की खरीद

बिहार सरकार ने भले ही 45 लाख मीट्रिक टन के लक्ष्य से कम धान खरीदा हो, लेकिन फिर भी यह पिछले साल के मुकाबले एक उल्लेखनीय वृद्धि है। पिछले साल सरकार ने 30 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी थी, जो लक्ष्य का केवल 66.7 प्रतिशत था। इस साल में खाद्य आपूर्ति विभाग और सहकारिता विभाग के संयुक्त प्रयासों से धान की खरीद में करीब 9 लाख मीट्रिक टन अधिक बढ़ोतरी देखने को मिली है, जो पिछले वर्ष से 30 प्रतिशत अधिक है।

धान की खरीद में भोजपुर जिला रहा सबसे आगे

खाद्य आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह ने इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए कहा कि सरकार ने किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी से बचाने के लिए पूरी कोशिश की। किसानों को सीधे डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से भुगतान किया गया। इस वर्ष भोजपुर जिला ने सबसे अधिक धान खरीदी, जिसमें 39.23 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी गई, जो कि निर्धारित लक्ष्य का 105 प्रतिशत था।

कौन से जिले रहे प्रमुख?

धान खरीद में प्रमुख जिलों में लखीसराय, मधेपुरा, नालंदा, पटना, सहरसा, शेखपुरा, शिवहर, सिवान, सुपौल, अरवल, बांका, बेगूसराय, पूर्वी चंपारण और गया जैसे जिले शामिल हैं, जिनमें लक्ष्य के 95 प्रतिशत तक धान खरीदी गई। वहीं, कुछ जिले जैसे जमुई, अररिया, पश्चिमी चंपारण, सारण और मुंगेर ने भी 90 प्रतिशत से अधिक धान खरीदी, जिससे यह साबित होता है कि राज्य के अधिकांश हिस्सों में इस वर्ष धान की खरीद में वृद्धि हुई है।

धान की खरीद की दर और प्रक्रिया

धान की खरीद प्रक्रिया 1 नवंबर 2024 से उत्तर बिहार में शुरू हुई थी और 15 फरवरी 2025 तक चली। सरकार ने इस बार साधारण धान के लिए 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान के लिए 2320 रुपये प्रति क्विंटल की दर निर्धारित की थी। पिछले साल की तुलना में यह दरों में वृद्धि हुई है, क्योंकि पिछले साल साधारण धान की कीमत 2183 रुपये प्रति क्विंटल थी, जबकि ग्रेड-ए धान की कीमत 2203 रुपये प्रति क्विंटल थी। दक्षिण बिहार में किसानों से 15 नवंबर से धान की खरीद प्रक्रिया शुरू हुई थी।

किसानों का बायोमेट्रिक सत्यापन

इस वर्ष, बिहार सरकार ने धान बेचने वाले निबंधित किसानों का बायोमेट्रिक सत्यापन भी किया, ताकि इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके। इसके तहत रैयती किसानों को अधिकतम 250 क्विंटल धान बेचने की अनुमति दी गई, जबकि गैर रैयती किसानों के लिए यह सीमा 100 क्विंटल निर्धारित की गई।

भविष्य में बेहतर परिणाम की उम्मीद

हालांकि इस बार सरकार का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका, लेकिन पिछले साल के मुकाबले धान की खरीद में बढ़ोतरी सरकार की मेहनत और किसानों के लिए उठाए गए कदमों का परिणाम है। आगामी वर्षों में सरकार उम्मीद करती है कि कृषि विभाग और सहकारिता विभाग के प्रयासों से धान खरीद में और भी वृद्धि होगी। साथ ही, किसानों के लिए और बेहतर योजनाओं और सुविधाओं की शुरुआत हो सकती है, ताकि वे अपनी फसलों को सही मूल्य पर बेच सकें और कृषि क्षेत्र में राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके।

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