सेंट्रल डेस्क : अगले साल असम और केरल में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र कांग्रेस ने अभी से कमर कस ली है। पार्टी नेतृत्व ने सभी नेताओं को अनुशासन का पालन करने और एकजुटता बनाए रखने का सख्त निर्देश दिया है। कांग्रेस आलाकमान का साफ संदेश है कि पार्टी के खिलाफ बयानबाजी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
केरल में कांग्रेस का मिशन 2025
केरल में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है और आगामी विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहले से ही केरल के वायनाड से सांसद रहे हैं और अब प्रियंका गांधी भी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं के साथ बैठक में अनुशासन और एकजुटता पर जोर दिया। पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सभी नेताओं को एक साथ मिलकर चुनाव लड़ना होगा।
शशि थरूर के हालिया बयान के चलते पार्टी में असंतोष की खबरें सामने आई थीं, लेकिन बैठक के बाद राहुल गांधी, खड़गे और केरल के नेताओं ने एक साथ तस्वीरें खिंचवाकर एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की।असम में कांग्रेस का फोकस, बीजेपी को घेरेगी पार्टीअसम में भी कांग्रेस ने चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है। 27 फरवरी को असम के नेताओं के साथ हुई बैठक में पार्टी ने राज्य में बीजेपी सरकार के खिलाफ आक्रामक रणनीति अपनाने का फैसला किया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि असम की जनता अब नफरत की राजनीति को हराकर कांग्रेस की मोहब्बत और प्रगति की राजनीति को अपनाने के लिए तैयार है।पार्टी ने असम सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा राज्य में ‘माफियागीरी’ और ‘सिंडिकेट’ चला रहे हैं। कांग्रेस ने दावा किया है कि उनके पास मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार से जुड़े ठोस सबूत हैं, जिन्हें पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सामने रखा जा चुका है।
राहुल और प्रियंका का चुनावी दौरा
चुनावी तैयारियों को धार देने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने फैसला किया है कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे जल्द ही असम और केरल का दौरा करेंगे। इन राज्यों में कांग्रेस की बड़ी रैलियाँ आयोजित की जाएंगी, जिससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ-साथ जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश होगी।कांग्रेस के लिए असम और केरल बेहद महत्वपूर्ण राज्य हैं, क्योंकि यहां पार्टी अपने दम पर चुनावी मैदान में उतर रही है। पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस ने कई राज्यों में चुनावी हार झेली है, ऐसे में इन दो राज्यों में जीत पार्टी के लिए संजीवनी साबित हो सकती है।
Read also – Champions Trophy: अफगानिस्तान का चैंपियंस ट्रॉफी में सफर थमा, दक्षिण अफ्रीका सेमीफाइनल में पहुंची