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JHARKHAND NEWS: TAC की बैठक में लिए गए कई अहम फैसले,  शराब दुकान-बार संचालन के नियमों में किया गया बदलाव

by Vivek Sharma
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रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को झारखंड मंत्रालय में झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (TAC) की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक में आदिवासी समुदाय के संरक्षण, संस्कृति के संवर्धन और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा कर निर्णय लिए गए। इस दौरान अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा प्रस्तुत विभिन्न प्रस्तावों पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ। इन प्रस्तावों में शराब दुकान और बार खोलने की नियमावली, ईचा बांध परियोजना, वन अधिकार अधिनियम के तहत अबुआ बीर दिशोम अभियान और छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम से जुड़ा थाना परिसीमन का मुद्दा शामिल रहा।

शराब दुकान और बार खोलने के नियमों में बदलाव

टीएसी बैठक में झारखंड उत्पाद नियमावली 2025 और होटल, रेस्टोरेंट, बार एवं क्लब संचालन नियमावली 2025 के मसौदों पर सहमति दी गई। तय हुआ कि वे ग्राम पंचायत जहां 50% या उससे अधिक आदिवासी जनसंख्या है और जो क्षेत्र राज्य सरकार द्वारा पर्यटन दृष्टिकोण से घोषित किए गए हैं (धार्मिक स्थल को छोड़कर), वहां ग्रामसभा की सहमति से शराब की खुदरा बिक्री, बार और रेस्टोरेंट खोलने की अनुमति दी जा सकेगी। इसका उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना, राजस्व वृद्धि करना और अवैध शराब पर नियंत्रण पाना है।

ईचा बांध परियोजना पर जनजातीय प्रभाव का आकलन

पश्चिमी सिंहभूम के खरकई नदी पर प्रस्तावित ईचा बांध को लेकर भी बैठक में गहन चर्चा हुई। तय किया गया कि परियोजना के कारण विस्थापित होने वाले जनजातीय समुदाय और अन्य प्रभावित लोगों की वर्तमान स्थिति का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। यह रिपोर्ट फोटो और वीडियो के साथ तैयार कर एक पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से परिषद के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।

‘अबुआ बीर दिशोम’ अभियान को मिलेगी नई गति

वन अधिकार अधिनियम के तहत चलाए जा रहे “अबुआ बीर दिशोम” अभियान को और व्यापक रूप से लागू करने का निर्णय लिया गया। हर दो माह में वन पट्टा वितरण अनिवार्य रूप से किया जाएगा और लंबित आवेदनों की शीघ्र समीक्षा कर स्वीकृति प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इससे आदिवासी समुदाय को भूमि अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

थाना क्षेत्र निर्धारण के लिए आयोग का गठन होगा

छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम की धारा 46 के तहत थाना क्षेत्र की परिभाषा स्पष्ट करने पर भी निर्णय लिया गया। वर्ष 1938 में निर्धारित थाना क्षेत्रों के आधार पर नए प्रस्ताव तैयार कर राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग प्रस्तुत करेगा। साथ ही एक आयोग का गठन कर छह माह में विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।

इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा

बैठक में बोकारो जिले के ललपनिया स्थित आदिवासी धार्मिक स्थल लगुबुरु के पास डीवीसी की पनबिजली परियोजना पर भी चर्चा हुई। परिषद को सूचित किया गया कि राज्य सरकार ने परियोजना को स्थगित कर दिया है ताकि धार्मिक स्थल को संरक्षित रखा जा सके। इसके अलावा, वन पट्टा धारक परिवारों के बच्चों को आवासीय प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र मिलने में हो रही दिक्कतों को दूर करने के उपाय सुनिश्चित करने पर भी चर्चा की गई।

ये रहे मौजूद 

बैठक में मंत्री सह टीएसी उपाध्यक्ष चमरा लिंडा, विधायक प्रो. स्टीफन मरांडी, लुईस मरांडी, सोनाराम सिंकू, दशरथ गागराई, राजेश कच्छप, नमन विक्सल कोनगाड़ी, जिगा सुसारन होरो, संजीव सरदार, आलोक कुमार सोरेन, सुदीप गुड़िया, जगत मांझी, राम सूर्या मुंडा, रामचंद्र सिंह सहित नामित सदस्य नारायण उरांव और जोसाई मार्डी शामिल हुए।

 

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