पलामू : पलामू जिले में अवैध वसूली और नियमों के उल्लंघन के चलते खनन विभाग ने 40 बालू घाटों की बंदोबस्ती रद्द कर दी है। यह निर्णय जिला खनन पदाधिकारी सुनील कुमार द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। जांच में सामने आया कि घाटों पर सरकारी दर से कई गुना अधिक वसूली की जा रही थी।
क्या है पूरा मामला?
पलामू जिले में 73 कैटेगरी वन बालू घाटों में से 40 घाटों पर संचालन का जिम्मा पंचायती राज विभाग, अंचल कार्यालय और संबंधित पंचायतों की आठ सदस्यीय समिति को दिया गया था। नियम के अनुसार, बालू की दर ₹100 प्रति 100 घनफुट निर्धारित थी, लेकिन इन घाटों पर ₹300 से ₹500 प्रति 100 घनफुट की दर से अवैध वसूली की जा रही थी।
NGT की रोक के बाद भी जारी था उठाव
हालांकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश के अनुसार, 15 अक्टूबर तक किसी भी नदी घाट से बालू उठाव पर पूर्ण प्रतिबंध है, बावजूद इसके कई स्थानों पर अवैध रूप से बालू उठाव जारी था। खनन विभाग की टीम द्वारा की गई छापेमारी में इसकी पुष्टि हुई।
खनन पदाधिकारी का बयान
जिला खनन पदाधिकारी सुनील कुमार ने कहा कि 40 बालू घाटों की बंदोबस्ती तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई है। 15 अक्टूबर तक एनजीटी के आदेश का पालन किया जाएगा और अवैध उठाव पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
लेस्लीगंज में कार्रवाई और FIR
इस बीच लेस्लीगंज थाना क्षेत्र में खनन विभाग ने अवैध बालू उठाव के खिलाफ छापेमारी की। इस दौरान तीन ट्रैक्टर जब्त किए गए, लेकिन बालू माफिया उन्हें खनन विभाग के कब्जे से छुड़ाकर फरार हो गए। घटना को लेकर पलामू के लेस्लीगंज थाना में FIR दर्ज की गई है। सभी ट्रैक्टर, जिनजोई और अमानत नदियों से अवैध रूप से बालू निकालने में संलिप्त पाए गए थे।