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Hazaribagh News : अमेरिका भेजने के नाम पर करोड़ों ठगे, अंतर्राष्ट्रीय ‘डंकी रूट’ गिरोह के मुख्य सरगना समेत 5 गिरफ्तार

Jharkhand Hindi News : पूरे मामले का पर्दाफाश एक युवक को चोरी-छिपे (डंकी रूट) अमेरिका भेजे जाने के मामले से हुआ है। युवक अमेरिका तो पहुंच गया लेकिन गिरफ्तार कर लिया गया।

by Rakesh Pandey
Hazaribagh News
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हजारीबाग: मानव तस्करी के मामले में झारखंड हमेशा से सॉफ्ट टारगेट रहा है। समय-समय पर मानव तस्करी के मामलों का पर्दाफाश भी होता रहा है। इस बार पुलिस के हत्थे कुछ ‘बड़ा’ लगा है। हजारीबाग जिले के टाटीझरिया थाना क्षेत्र से अमेरिका में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी और मानव तस्करी का चौंकाने वाला मामला सामने आने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है। लोग भौचक हैं।

अमेरिका भेजनेवाले अंतर्राष्ट्रीय गैंग का पर्दाफाश

इस बार का मामला दिल्ली-मुंबई से नहीं बल्कि अंर्राष्ट्रीय गिरोह से जुड़ा है। इस गिरोह के माध्यम से लोगों को फर्जी तरीके से विभिन्न देशों के माध्यम से अमेरिका भेजा जाता है। इस गिरोह के नेटवर्क में अमेरिका सहित कई देशों के शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है। भारत में भी यह नेटवर्क काफी सक्रिय है।

एनआरआई है मुख्य सरगना

इस मामले में टाटीझरिया थाने में दर्ज मामले के तहत अमेरिका निवासी उदय कुमार कुशवाहा समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उदय कुमार कुशवाहा के बारे में बताया जाता है कि वह एनआरआई है और गिरोह का संचालन करता है। यह गिरोह ‘डंकी रूट’ के माध्यम से युवाओं को अवैध रूप से अमेरिका भेजने में काले कारोबार में लगा हुआ था।

टाटीझरिया के युवक को चोरी-छिपे भेजा गया था अमेरिका

पूरे मामले का पर्दाफाश एक युवक को चोरी-छिपे (डंकी रूट) से अमेरिका भेजे जाने के मामले से हुआ है। टाटीझरिया के भराजो निवाशी सोनू कुमार ने थाने शिकायत दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में उसने कहा था कि उदय कुशवाहा नाम के व्यक्ति ने अमेरिका में नौकरी दिलाने का झांसा देकर वर्ष 2024 में उसे तथा दो अन्य युवकों बिकाश कुमार पुत्र दर्शन प्रसाद और जरगा निवासी पिंटू कुमार को मोटी रकम लेकर अपने गिरोह के माध्यम से चोरी-छिपे अमेरिका तक पहुंचाया था।

इस तरह किया डंकी रूट का इस्तेमाल

तीनों युवकों को झारखंड से दिल्ली ले जाया गया था। इसके बाद इन्हें दिल्ली से ब्राज़ील जानेवाली फ्लाइट में बैठाया गया। वहां से उन्हें डंकी रूट से चोरी-छिपे कई देशों से होते हुए मैक्सिको तक पहुंचाया गया। मैक्सिको के बाद तीनों युवक अमेरिका की सीमा में तो पहुंच गए लेकिन अमेरिका के सैन डिएगो बॉर्डर पर अमेरिकी सीमा पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया।

अमेरिका ले जाने के लिए वसूले थे 45 लाख

अमेरिका से किसी तरह वापस अपने घर लौटने के बाद सोनू ने बताया कि अमेरिका में प्रवेश दिलाने के नाम पर उदय कुशवाहा ने उसके पिता से लगभग 45 लाख रुपये की वसूली की थी। यह राशि पिता ने अपनी पैतृक ज़मीन बेचकर दी थी। 45 लाख की राशि उदय के सहयोगियों चौहान प्रसाद, शंकर प्रसाद, लालमोहन प्रसाद और दर्शन प्रसाद को सौंपी गई थी। सोनू ने यह भी बताया कि ब्राजील में गिरोह के लोगों ने उसे बंधक बना लिया था। इसके बाद पैसे की मांग की गई। किसी तरह पैसे दिए गए। फिर विभिन्न देश होकर जैसे ही अमेरिका की सीमा में प्रवेश करने के बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तारी के बाद चार महीने रखा गया डिटेंशन सेंटर में

सोनू ने बताया कि अमेरिका में गिरफ्तार किए जाने के बाद चार महीने तक अमेरिकी डिटेंशन सेंटर में बंद रखा गया। मार्च 2025 में उसे भारत डिपोर्ट कर दिया गया। वापस आने पर जब उसने अपना पैसा मांगने का प्रयास किया, तो उसे उदय कुशवाहा और चौहान प्रसाद ने मारपीट कर धमकाया। इसके बाद सोनू ने डर के मारे टाटीझरिया थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पूरा फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ। एक दर्जन से अधिक लोगों को ये लोग फर्जी तरीके से अमेरिका भेज चुके हैं।

इनकी हुई है गिरफ्तारी

उदय कुमार कुशवाहा मुख्य सरगना, (वर्तमान में अमेरिका निवासी), दर्शन प्रसाद बुध बाजार निवासी, लालमोहन प्रसाद केसडा निवासी, चौहान प्रसाद (भराजो निवासी उदय का भाई), शंकर प्रसाद (मेरु निवासी उदय का साला)।

बरामद सामान और दस्तावेज

मोबाइल फोन जिनमें पीड़ित के साथ बातचीत के सबूत, बैंक डिपॉजिट की रसीदें, एक नोटबुक जिसमें डंकी से गए लोगों की सूची और रकम का हिसाब लिखा है, वाट्सएप चैट और ट्रांजेक्शन के स्क्रीनशॉट।

पहले भी भेजे जा चुके थे कई युवक

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि उदय कुशवाहा और उसके गिरोह ने 2013 से 2022 तक लगभग 12 युवकों को इसी तरह डंकी रूट से अमेरिका भेजा है। जिन लोगों को अमेरिका भेजा गया उनके नाम भी सामने आए हैं। इनमें दिगंबर कुशवाहा, राजकुमार कुशवाहा, नंदू कुमार, पप्पू कुमार, चंदन कुमार, संभु दयाल, पृथिवी राज उर्फ सोनू, संजय वर्मा, सुमन सौरभ, प्रवीण कुमार, अरुण कुमार और धीरज कुमार शामिल हैं।

एसपी ने कहा- गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी

हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक एसपी अंजनी अंजन मीडिया कांफ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह एक संगठित अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी रैकेट है। यह रैकेज अमेरिका में बसे आरोपियों के सहयोग से वर्षों से सक्रिय था। अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश पुलिस कर रही है। जल्द ही इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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