

RANCHI: रांची जिले में नई उत्पाद नियमावली (2025) के तहत खुदरा उत्पाद दुकानों की बंदोबस्ती प्रक्रिया शुक्रवार को समाहरणालय में हुई। उपायुक्त सह बंदोबस्त पदाधिकारी मंजुनाथ भजन्त्री की अध्यक्षता में ई-लॉटरी के माध्यम से हुई इस प्रक्रिया में कुल 150 दुकानों के लिए 1752 आवेदकों ने भाग लिया। सरकार को इस प्रक्रिया से आवेदन शुल्क के रूप में 6,18,86,280 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। यह बंदोबस्ती राज्य सरकार द्वारा पारदर्शिता और निष्पक्षता के सिद्धांतों के अनुरूप ऑनलाइन लॉटरी प्रणाली के माध्यम से पूरी की गई।

पहले तीन दुकानों की बंदोबस्ती
लॉटरी प्रक्रिया में पहले उन तीन दुकानों की बंदोबस्ती की गई जिनके लिए सबसे अधिक आवेदन आए थे। इन दुकानों की ई-लॉटरी एक डेमो के रूप में कराई गई, ताकि प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। इसके पश्चात शेष दुकानों की बंदोबस्ती आवेदकों की उपस्थिति में की गई। प्रत्येक दुकान के लिए तीन विजेताओं (प्रथम, द्वितीय व तृतीय) की घोषणा की गई है। यदि प्रथम विजेता निर्धारित राशि जमा नहीं करता है, तो अगला विजेता बंदोबस्ती के लिए पात्र होगा। उपायुक्त के साथ इस कार्यक्रम में अपर समाहर्ता रामनारायण सिंह, सहायक उत्पाद आयुक्त अरुण कुमार मिश्रा व अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे। दुकानों को कुल 87 ग्रुपों में विभाजित किया गया था, जिससे प्रक्रिया व्यवस्थित रूप से संपन्न हो सके।

736 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए रांची जिले का न्यूनतम गारंटी राजस्व (MGR) लक्ष्य 736 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। इस वर्ष की शेष अवधि (1 सितंबर 2025 से 31 मार्च 2026) के दौरान लगभग 449 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होने की संभावना है। इस प्रक्रिया ने सरकार की पारदर्शी नीति और डिजिटल गवर्नेंस को और मजबूत किया है। जिससे न केवल आवंटन प्रक्रिया में विश्वास बढ़ा है, बल्कि राजस्व संग्रह भी बेहतर हुआ है।

