RANCHI: सदर अस्पताल वैसे तो बेहतर व्यवस्था को लेकर चर्चा में रहता है। वहीं एक के बाद एक उपलब्धियां भी इसकी कड़ियों में जुड़ती जा रही है। अब एकबार फिर से यहां के डॉक्टरों ने अनोखा आपरेशन किया है। सदर हॉस्पिटल के लेप्रोस्कोपिक सर्जरी विभाग ने पहली बार एक ऐसे मरीज की सफल गॉल ब्लैडर स्टोन सर्जरी की है, जिसमें गॉलब्लैडर शरीर के दाईं ओर की बजाय बाईं ओर था। इसे कंप्लीट साइटस इनवर्सस कहा जाता है। इस कंडिशन में हार्ट, गॉलब्लैडर जैसे अंग शरीर में उल्टे स्थान पर पाए जाते हैं। ऐसा 20,000 में किसी एक व्यक्ति में पाया जाता है।
हार्ट व अन्य अंग भी दाईं ओर मिले
सर्जरी का नेतृत्व लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ अजीत कुमार ने किया। उन्होंने बताया कि मरीज बी बाड़ा बेड़ो थाना अंतर्गत ईंटा चिंद्ररी रांची की रहने वाली हैं। फिलहाल वह मोरहाबादी में रहती हैं। पिछले तीन महीने से उन्हें पेट दर्द की शिकायत थी। प्रारंभिक जांच में एक्यूट पैनक्रियटाइटिस पाया गया। आगे की जांच में गॉलब्लैडर में कई स्टोन मिले, जो शरीर के बाएं हिस्से में था। बाद में इको और सीची स्कैन करने पर पाया गया कि मरीज को कंप्लीट साइटर इनवर्सस है। उनका हार्ट दाईं ओर के अलावा अन्य आंतरिक अंग भी सामान्य के विपरीत जगह पर मिले।
डॉक्टरों ने की जटिल सर्जरी
यह सर्जरी सामान्य सर्जरी से अधिक जटिल थी क्योंकि डॉक्टरों को अपने सामान्य की जगह उल्टी दिशा में खड़े होकर ऑपरेशन करना पड़ा। लेकिन अनुभवी टीम ने इस चुनौती को सफलतापूर्वक पार किया। मरीज के पति जोसेफ उरांव ने अस्पताल प्रशासन व सर्जरी टीम का धन्यवाद किया। मरीज का इलाज आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत निःशुल्क किया गया।
ये लोग थे टीम में शामिल
इस सर्जरी टीम में डॉ. अजीत कुमार (एडवांस्ड लेप्रोस्कोपिक सर्जन), डॉ. वसुधा गुप्ता व डॉ. विकास बल्लभ (एनेस्थेटिस्ट), सिस्टर स्नेहलता, ओटी स्टाफ संदीप, संतोष, सृष्टि, सुरेश, अमन, विरंजन, कल्पना, नंदिनी शामिल थे।


