

Kumardungi (Jharkhand) : झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के कुमारडुंगी प्रखंड में जंगली हाथियों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि बांकदर गांव के लोग डर के साये में जीने को मजबूर हैं। पिछले दो हफ्तों से हाथी शाम होते ही जंगल से निकलकर गांव में घुस जाते हैं और उत्पात मचाते हैं, जिससे ग्रामीण अपना घर छोड़कर पास के बड़ा टोली गांव में शरण लेने को मजबूर हैं।

हाथी ने कई घरों को तोड़ दिया है, जिनमें जितेन पान, सोनाराम हेम्ब्रम, रघुनाथ हेम्ब्रम और जगमोहन सिंकु के घर शामिल हैं। सोनाराम और रघुनाथ ने किसी तरह अपनी जान बचाकर अब दूसरों के घरों में तंग जगहों पर रहना शुरू कर दिया है। जितेन पान और जगमोहन सिंकु भी डर के कारण अपने घर लावारिस छोड़कर जा चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि “जान बची तो लाखों उपाय।”

वन विभाग की भूमिका पर उठे सवाल
लगातार हो रहे इस उत्पात के कारण अब ग्रामीण वन विभाग की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग ने केवल 10 पटाखे और एक टॉर्च देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया, जो कुछ ही दिनों में खत्म हो गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन विभाग के कर्मचारी दिन में आकर चले जाते हैं, लेकिन हाथी को भगाने के लिए रात में कोई कार्रवाई नहीं करते।

लगातार दहशत के कारण बांकदर गांव के लोगों की नींद और चैन छिन गया है। ग्रामीणों ने वन विभाग से तत्काल ठोस और कारगर कदम उठाने की मांग की है ताकि वे अपने घरों को लौट सकें।
