Ranchi (Jharkhand) : राजधानी के डोरंडा थाना क्षेत्र में एक वकील से घर में घुसकर मारपीट मामले में रांची के एसएसपी राकेश रंजन ने संज्ञान लिया है। घटना को लेकर पीड़ित इमरान अली ने डोरंडा थाना में एफआईआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था। इसके बावजूद डोरंडा थाना प्रभारी ने एफआईआर दर्ज नहीं की। पीड़ित आठ दिनों तक थाना का चक्कर काटते रहे। पुलिस के रवैए से परेशान होकर पीड़ित रांची एसएसपी की शरण में पहुंचे। उन्होंने एसएसपी से एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने की गुहार लगाई।
इस मुद्दे को ‘द फोटोन न्यूज’ ने 28 सितंबर के अपने अंक में प्रमुखता से उठाया था। बता दें कि ‘द फोटोन न्यूज’ में खबर प्रकाशित होने के बाद पीड़ित ने खुद सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर खबर की कटिंग को शेयर किया था। उन्होंने पुलिस से कार्रवाई की गुहार लगाई थी। इसके बाद रांची पुलिस ने इसे री-पोस्ट कर लिखा कि वर्णित शिकायत को तत्काल संज्ञान में लिया गया है। जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। मंगलवार को डोरंडा थानेदार दीपिका कुमारी घटनास्थल पर पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने कई लोगों से पूछताछ की।
हालांकि, पुलिस घंटों सीमा विवाद में उलझी रही। पहले डोरंडा थानेदार ने जांच की, कुछ देर के बाद एयरपोर्ट थाना की पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची। दोनों थानोन की पुलिस ने मामले की जांच की। जांच के दौरान पुलिस घंटों सीमा विवाद में उलझी रही। आखिर में घटनास्थल एयरपोर्ट थाना क्षेत्र में निकला। इसके बाद फैसला हुआ कि एफआईआर एयरपोर्ट थाने में दर्ज की जाएगी। जांच के दौरान पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले। देर से जांच शुरू होने के कारण पुलिस को सीसीटीवी फुटेज भी नहीं मिल रहा है। डीवीआर में सिर्फ एक हफ्ते का ही बैकअप है।
सीमा विवाद पर जीरो एफआईआर करने का है नियम
घटनास्थल को लेकर जब सीमा विवाद सामने आ रहा हो तो जीरो एफआईआर करने का नियम है। जीरो एफआईआर के नियम के तहत कोई भी नागरिक किसी भी थाने में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है, भले ही अपराध उस क्षेत्राधिकार में न हुआ हो। इस शिकायत को ‘0’ नंबर दिया जाता है और फिर जांच के लिए संबंधित थाने में भेज दिया जाता है। इस नियम का उद्देश्य पीड़ितों को भौगोलिक बाधाओं के कारण न्याय मिलने में देरी से बचाना और शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को सुगम बनाना है।
मारपीट और महिलाओं से दुर्व्यवहार करने का आरोप
डोरंडा थाना क्षेत्र के वकील इमरान अली ने उनके घर में घुसकर, मारपीट और महिलाओं से दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है। डोरंडा थाना में दिए गए आवेदन में उन्होंने बताया है कि वह मनीटोला में रहते हैं। रांची सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं। 22 सितंबर को सुबह 9:45 से 9:55 बजे के बीच, जब वे कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे थे, रिजवान उर्फ गुलाम ठेकेदार और इम्तियाज उनके किराए के मकान में जबरन घुस गए। जब इमरान की पत्नी और बहन ने मुख्य द्वार के पर्दे हटाने का विरोध किया, तो आरोपियों ने जबरन पर्दा हटा दिया और दुर्व्यवहार शुरू कर दिया।
शोर सुनकर इमरान बाहर आए तो दोनों आरोपियों ने उनका कॉलर पकड़कर घसीटा और मारपीट की। जब इमरान की पत्नी ने बीच-बचाव की कोशिश की, तो रिजवान उर्फ गुलाम ठेकेदार ने उनकी पत्नी का हाथ पकड़कर घसीटा और प्राइवेट पार्ट को छुआ। इसके बाद इमरान डोरंडा थाना में एफआईआर के लिए आवेदन दिया। चार दिनों तक एफआईआर नहीं दर्ज करने पर उन्होंने रांची एसएसपी से लिखित शिकायत कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस ने नहीं की अब तक कोई कार्रवाई
एसएसपी को दिए गए आवेदन में इमरान ने बताया कि वे घटना के तुरंत बाद इमरान अपनी पत्नी के साथ डोरंडा थाना पहुंचे थे। उन्होंने लिखित शिकायत की, पुलिस ने इसकी रसीद दी और घायल इमरान व उनकी पत्नी का मेडिकल ट्रीटमेंट कराया। कई दिन बीतने के बावजूद न तो प्राथमिकी दर्ज हुई, न ही कोई कार्रवाई हुई। इमरान ने आरोप लगाया है कि मकान मालिक और कुछ दबंग भू-माफिया व ठेकेदारों के संरक्षण के कारण पुलिस चुप है। इससे उनके परिवार को जान-माल का खतरा बना हुआ है।
वर्जन
मामले की जांच के लिए घटनास्थल गई थी। पीड़ित के घर के आसपास रहने वाले लोगों से पूछताछ भी की गई। आसपास लगे सीसीटीवी को भी खंगाला गया। तकनीकी खराबी के कारण सीसीटीवी फुटेज नहीं मिल सका। जांच के दौरान सीमा विवाद का मामला आ रहा था। इसे भी सुलझा लिया गया है। इस मामले में एयरपोर्ट थाना में एफआईआर दर्ज की जाएगी।
दीपिका कुमारी, थानेदार, डोरंडा थाना